वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट के केंद्र में युवा, रोजगार, कौशल विकास और लघु एवं मध्यम उद्योग को रखा है. उन्होंने मध्य वर्ग को कर में राहत देने की कोशिश की है, लेकिन वह बहुत प्रभावी नजर नहीं आती है. युवाओं के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो वित्त मंत्री ने नये अवसर देने के रास्ते खोले हैं. उद्योगों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.
वित्त मंत्री ने 500 कंपनियों में एक करोड़ इंटर्नशिप की घोषणा की है. युवाओं को रोजगार देने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम है. इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. युवाओं के लिए एजुकेशन लोन की भी व्यवस्था की गयी है.
कोई भी सरकार जब अपना बजट पेश करती है, तो वह आर्थिक बही खाते के साथ-साथ एक राजनीतिक संदेश भी देती है. इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश के सहयोगी दलों का ध्यान रखा है. वित्त मंत्री ने बिहार में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के विकास के लिए पूर्वोदय योजना भी लायी जायेगी. बजट में लोगों की निगाहें इस पर लगी थीं कि सरकार अर्थव्यवस्था को कैसे गति प्रदान करती है. सबसे अहम इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को माना जाता है. इस क्षेत्र में निवेश अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करता है.
सबसे बड़ी चुनौती इंफ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं को धरातल पर उतारने की होती है. वर्षों से हम देखते आये हैं कि योजनाएं तो बहुत अच्छी बनती हैं, लेकिन उनका कार्यान्वयन बहुत खराब तरीके से होता है. इस बजट में लघु एवं मध्यम उद्योग पर विशेष ध्यान दिया गया है. बजट में 12 इंडस्ट्रियल हब को मंजूरी दी गयी है. इससे लघु एवं मध्यम उद्योग विस्तार होगा और लोगों के रोजगार का रास्ता खुलेगा.
उम्मीद जतायी जा रही थी कि मध्य वर्ग के करदाताओं को टैक्स में बड़ी छूट मिलेगी. हालांकि पिछले कई वर्षों से मध्य वर्ग यह आस लगाये हुए है, लेकिन वह पूरी नहीं हुई है. सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चाहती है कि लोग नयी टैक्स व्यवस्था को अपनाएं और इसी वजह से उसमें राहत की घोषणाएं की गयीं हैं. 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा कर 75 हजार रुपये कर दिया गया है. कुल मिला कर मध्य वर्ग के हाथ में अधिकतम 17,500 रुपये की छूट ही आयी है. वित्त मंत्री ने एक ओर टैक्स स्लैब में राहत दी है, तो दूसरी ओर कैपिटल गैन्स टैक्स को बढ़ा दिया है.