Budget: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया है. उन्होंने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. आम लोगों को कोई राहत बजट से नहीं मिली है. सोशम मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए पी चिदंबरम ने कहा है कि दो तरह की कर प्रणाली सही विचार नहीं है और इसे स्वीकार नहीं जा सकता. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार का पहला बजट बहुत निराशाजनक है. बेरोजगारी के मोर्चे पर सरकार ने कोई प्रभावशाली कदम नहीं उठाए हैं. चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री की ओर से घोषित योजनाओं से 2.90 करोड़ लोगों को लाभ होगा का दावा भी अत्यधिक अतिशयोक्तिपूर्ण है.
मुद्रास्फीति और महंगाई सबसे बड़ी चुनौती- पी चिदंबरम
बजट को लेकर पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुद्रास्फीति है इसके अलावा महंगाई सरकार के सामने दूसरी बड़ी चुनौती है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति 3.4 फीसदी, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी और खाद्य मुद्रास्फीति 9.4 फीसदी है. पी चिदंबरम ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण ने चंद वाक्यों में महंगाई के मुद्दे को खारिज कर दिया. और वित्त मंत्री ने अपने भाषण के पैरा तीन में इसे 10 शब्दों में खारिज कर दिया. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बजट भाषण कहीं भी यह विश्वास नहीं दिलाया कि सरकार मुद्रास्फीति के मुद्दे से गंभीरता से निपटेगी.
पी चिदंबरम ने कसा केंद्र सरकार पर तंज
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री को लोकसभा 2024 चुनाव के बाद कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ने का मौका मिला. उन्होंने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ELI) योजना, प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ प्रशिक्षुता योजना पर हमारे प्रस्तावों में अंतर्निहित विचारों को पूरी तरह बजट में शामिल किया है. उन्होंने कहा कि काश सरकार कांग्रेस घोषणापत्र से कई और विचार अपने होते. चिदंबरम ने कहा कि हम सरकार के लापरवाह रवैये की निंदा करते हैं. और बजट भाषण में कुछ भी हमें यह विश्वास नहीं दिलाता कि सरकार मुद्रास्फीति के मुद्दे से गंभीरता से निपटेगी.
गरीबों को नहीं मिली राहत
पी चिदंबरम ने कहा कि टैक्स जमा करने वाले नागरिकों को 0 से 20 फीसदी कर दायरे में लाकर उन्हें कुछ राहत दी गई है, लेकिन गरीबों को बजट से कोई राहत नहीं मिली है. सरकार पर कटाक्ष करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने अग्निपथ योजना और किसानों की एमएसपी की मांग पर कोई जवाब नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए.
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