Friday, November 22, 2024
HomeReligionBrihaspati Dev Ji Ki Aarti: आज बृहस्पति देव की आरती करने से...

Brihaspati Dev Ji Ki Aarti: आज बृहस्पति देव की आरती करने से बनेंगे बिगड़े काम

Brihaspati Dev Ji Ki Aarti: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. उनकी कृपा से जातक में गुण और प्रतिभा का विकास होता है. इसके साथ ही, जातक न्याय के मार्ग पर आगे बढ़ता है. ज्योतिषियों के अनुसार, यदि कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत है, तो जातक अपने जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करता है. इसके अतिरिक्त, करियर और व्यवसाय को नई दिशा मिलती है. इसलिए, साधक श्रद्धा के साथ गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. विवाहित और अविवाहित महिलाएं भी इस दिन व्रत रखती हैं, जिसमें बृहस्पति देव की पूजा की जाती है. यदि आप भी देवगुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करें. इस अवसर पर गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें और पूजा का समापन आरती से करें.

वृहस्पति देवा की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा .
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी .
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता .(बृहस्पति देव की उत्पत्ति कैसे हुई)
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े .
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी .
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो .
विषय विकार मिटा‌ओ, संतन सुखकारी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे .
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय . बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular