Thursday, December 19, 2024
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Breast cancer: स्तन कैंसर के प्रकार और चरण

Breast cancer:स्तन कैंसर कोशिकाएं, दूध नलिकाओं या स्तन के दूध पैदा करने वाले लोबूल के अंदर शुरू होती हैं. शुरुआती स्टेज पर यह जीवन के लिए खतरा नहीं है और प्रारंभिक अवस्था में इसका पता लगाया जा सकता है. कैंसर कोशिकाएं आस-पास के स्तन ऊतकों में फैल सकती हैं. इससे ट्यूमर बनता है जो गांठ का कारण बनता है.

स्तन कैंसर के प्रकार

स्तन कैंसर के प्रकारों में डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू, इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा, इंफ्लेमेटरी स्तन कैंसर और मेटास्टैटिक स्तन कैंसर शामिल हैं.

डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS)

डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू DCIS एक गैर-आक्रामक कैंसर है जहां स्तन के दूध की नली की परत में असामान्य कोशिकाएं पाई जाती हैं. असामान्य कोशिकाएं नलिकाओं के बाहर आसपास के स्तन ऊतकों में नहीं फैली होती हैं. डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू एक बहुत ही प्रारंभिक कैंसर है जिसका इलाज संभव है, लेकिन अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है या इसका पता नहीं लगाया जाता है, तो यह आसपास के स्तन ऊतकों में फैल सकता है.

इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (IDC)

इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा IDC एक आक्रामक कैंसर है जहां दूध नलिकाओं में बनने वाली असामान्य कैंसर कोशिकाएं, नलिकाओं से परे स्तन ऊतक के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं. आक्रामक कैंसर कोशिकाएं शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं. इसे कभी-कभी इन्फ़िल्ट्रेटिव डक्टल कार्सिनोमा भी कहा जाता है.

इंफ्लेमेटरी स्तन कैंसर

इंफ्लेमेटरी स्तन कैंसर में, कैंसर कोशिकाएं अक्सर स्तन में छोटी लिम्फ वेसल्स को ब्लॉक कर देती है. लिम्फ वेसल्स लिंफेटिक सिस्टम का हिस्सा है. वे बेकार उत्पादों को इकट्ठा करते हैं और उन्हें नसों में बहा देते हैं. जब लिम्फ वेसल्स ब्लॉक हो जाती हैं, तो इससे त्वचा लाल हो जाती है और सूजन हो जाती है. सूजन संबंधी स्तन कैंसर बहुत कम ही देखने को मिलता है.

मेटास्टेटिक स्तन कैंसर

मेटास्टेटिक स्तन कैंसर को स्टेज चार का स्तन कैंसर भी कहा जाता है. यह स्तन कैंसर है जो शरीर के अन्य हिस्सों, आमतौर पर हड्डियों, फेफड़ों, मस्तिष्क या लिवर तक फैल सकता है.

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चरण

चरण 0-

यह शुरुआती चरण होती है. यह गैर आक्रामक स्तन कैंसर या प्रीकैंसर के बारे में बताता है. इसमें गैर-आक्रामक कैंसर का सबसे आम रूप शामिल है, जिसे DCIS कहते हैं. इसमें जो कैंसर सेल्स होते है वह आसपास के टिशु पर आक्रमण नहीं करते हैं. इसके उपचार में कीमोथेरेपी शामिल नहीं है. इसे आसानी से सर्जरी से ठीक किया जा सकता है.

चरण 1-

इस स्टेज में, ट्यूमर कोशिकायें आस पास के स्तन टिशू में फ़ैल जाती है, पर फिर भी वह छोटी सी जगह तक में ही सीमित रहती है. इस स्टेज में बहुत सारे मरीज़ केवल सर्जरी या फिर हार्मोन थैरेपी से भी ठीक हो जाते हैं. यह उनके ट्यूमर पर निर्भर करता है.

चरण 2 –

यह स्टेज बताता है कि कैंसर स्तन के एक सीमित क्षेत्र में है लेकिन बड़ा हो गया है. यह दर्शाता है कि कितने लिम्फ नोड्स में कैंसर कोशिकाएं हो सकती हैं. स्टेज 1 की तरह इस स्टेज में भी बहुत सारे मरीज़ केवल सर्जरी या फिर हार्मोन थैरेपी से भी ठीक हो जाते हैं. यह उनके ट्यूमर पर निर्भर करता है.

चरण 3 –

चरण 3 स्तन कैंसर में कैंसर स्तन में और अधिक फैल जाता है क्योंकि ट्यूमर पहले चरण की तुलना में बड़े आकार का होता है. यहां पर स्थिति बिल्कुल ही बदल जाती है. इसका आकार 5 cm से अधिक होता है. इन ट्यूमर को सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी की आवश्यकता होती है.

चरण 4 –

यह स्तन कैंसर का बहुत ही एडवांस स्टेज होता है. यह लिम्फ नोड्स और स्तन से परे शरीर के अन्य हिस्सों में फ़ैल जाता है. इसका मतलब यह है कि इसमें आपके अंग जैसे फेफड़े, लीवर या मस्तिष्क भी शामिल हैं. कैंसर के इस स्टेज को आमतौर पर लाइलाज माना जाता है।


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