Thursday, December 19, 2024
HomeReligionक​ब है जून का पहला प्रदोष व्रत? सिर्फ 2 घंटे ही पूजा...

क​ब है जून का पहला प्रदोष व्रत? सिर्फ 2 घंटे ही पूजा का मुहूर्त, जान लें तारीख, शुभ समय, महत्व

जून का पहला पद्रोष व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​थि को रखा जाएगा. हर माह की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है. ऐसे एक माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं. ​जिस दिन प्रदोष व्रत होता है, उस दिन से जुड़कर उसका महत्व बढ़ जाता है. मंगलवार को पड़ने वाल प्रदोष व्रत भौम प्रदोष तो सोमवार का सोम प्रदोष कहलाता है. ऐसे ही शनिवार का शनि प्रदोष, शुक्रवार का शुक्र प्रदोष होता है. जून का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार को होगा, इसलिए वह भौम प्रदोष व्रत है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं ​कि जून का पहला प्रदोष व्रत कब है? प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त और महत्व क्या है?

किस दिन है जून का पहला प्रदोष व्रत 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ मा​ह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून मंगलवार को 12:18 ए एम पर प्रारंभ हो जाएगी. यह तिथि​ 4 जून को ही रात 10:01 पी एम पर खत्म होगी. ऐसे में जून का पहला प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा. यह ज्येष्ठ माह का भी पहला प्रदोष व्रत होगा. इसकी पूजा का प्रदोष काल 4 जून की शाम को है.

ये भी पढ़ें: 31 मई को बुध बदलेगा अपनी राशि, 4 राशिवालों की बुलंद होगी किस्मत, एकसाथ कई सपने होंगे पूरे!

2 घंटे ही है प्रदोष पूजा का मुहूर्त
जून के पहले प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको केवल 2 घंटे 1 मिनट तक का समय प्राप्त होगा. भौम प्रदोष व्रत वाले दिन शिव पूजा का मुहूर्त शाम 07:16 पी एम से रात 09:18 पी एम तक है. इसमें आपको भोलेनाथ की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए. इस व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही की जाती है.

जून के पहला प्रदोष व्रत पर बनने वाले योग
4 जून को प्रदोष व्रत के दिन शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. शोभन योग प्रात:काल से सुबह 06:12 ए एम तक है, उसके बाद से अतिगण्ड योग बन जाएगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग रात 10:35 पी एम से अलगे दिन 5 जून को 05:23 ए एम तक है. व्रत वाले दिन भरणी नक्षत्र प्रात:काल से रात 10:35 पी एम तक है, उसके बाद से कृत्तिका नक्षत्र है.

ये भी पढ़ें: कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? सर्वार्थ सिद्धि योग में करें गणेश पूजा, जानें मुहूर्त, चंद्रमा अर्घ्य समय

प्रदोष व्रत के दिन शिववास
भौम प्रदोष व्रत वाले दिन शिववास भोजन में सुबह से रात 10:01 पी एम तक है. उसके बाद से शिववास श्मशान में होगा. हालांकि प्रदोष और शिवरात्रि का दिन रुद्राभिषेक के लिए अच्छा माना जाता है. रुद्राभिषेक के लिए शिववास का होना जरूरी है.

प्रदोष व्रत का महत्व
जो लोग प्रदोष व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शिव जी के आशीर्वाद से संतान, सुख, धन, दौलत, आरोग्य आदि सब की प्राप्ति हो सकती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular