Friday, November 22, 2024
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Bhai Dooj 2024: आज मनाया जा रहा है भाई दूज का पर्व,  नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Bhai Dooj 2024: भाई दूज और रक्षाबंधन दोनों त्योहार भाई-बहन के मधुर संबंध का प्रतीक हैं. यद्यपि इन दोनों त्योहारों के आयोजन में भिन्नताएँ हैं, परंतु एक समानता यह है कि दोनों अवसरों पर भाई अपनी बहन की सुरक्षा का वचन देते हैं. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जबकि भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और उनकी भलाई तथा दीर्घायु की कामना करती हैं.भाई दूज के शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, मंत्र, आरती, व्रत कथा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानें. यहां जानें भाई दूज पूजन का शुभ समय

भाई दूज पूजन का शुभ समय

पंचांग के अनुसार द्वितीय तिथि का आरंभ 2 नवंबर को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगा और यह तिथि 3 नवंबर को रात 11 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी. इस प्रकार, भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा. भाई दूज पूजन का सर्वोत्तम समय दिन में 11:45 से 1:30 बजे तक रहेगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार, यदि बहनें इस शुभ समय में अपने भाइयों को तिलक करती हैं, तो इससे भाइयों की आयु में वृद्धि होती है और भाई-बहन दोनों के जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होता है.

भाई दूज 2024 का तिलक मुहूर्त

सनातन हिन्दू परंपरा में भाई दूज का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह अवसर भाई-बहन के बीच प्रेम और संबंध को और भी प्रगाढ़ बनाने का एक विशेष दिन प्रदान करता है. इस दिन भाई-बहन मिलकर भगवान नरसिंह और यमराज की आराधना करते हैं. साथ ही, वे यमुना नदी में एक साथ स्नान करने का भी महत्व रखते हैं.

भाई दूज पूजा सामग्री

भाई दूज के अवसर पर पूजा की थाली में सिंदूर, फूल, चावल, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूलों की माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला शामिल करना आवश्यक है. इन सामग्रियों के बिना भाई दूज का पर्व अधूरा माना जाता है.

भाई दूज के अवसर पर पूजा और तिलक लगाने की प्रक्रिया

भाई दूज के दिन, भाई और बहनों को प्रातः जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके पश्चात, उन्हें अपने घर के कुलदेवता और कुलदेवी की पूजा करनी चाहिए.तिलक लगाने के लिए शुभ मुहूर्त से पूर्व, बहनों को तिलक की थाली तैयार कर लेनी चाहिए. इस थाली में फल, कुमकुम, मिठाई, चावल और चंदन या कुमकुम अवश्य शामिल करें. शुभ मुहूर्त में, बहनें अपनी अनामिका उंगली से भाई के माथे पर कुमकुम या चंदन से तिलक करें. इसके बाद, तिलक के ऊपर चावल लगाना चाहिए. तिलक करने के उपरांत, भाई को मिठाई खिलाना न भूलें. कई स्थानों पर दही से भी तिलक किया जाता है. अंत में, बहनें भाई की आरती उतारें. इसके बाद, भाई अपनी बहनों को उपहार दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.


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