Bhai Dooj 2024: देवघर-दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला त्योहार भाई दूज (भैया दूज) रविवार को मनाया जायेगा. भाई दूज के दिन सभी बहनें अपने भाइयों को टीका लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. दरअसल, पांच दिन के दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है. भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है. इस दिन चित्रगुप्त पूजा भी होती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज पर्व यमराज और उनकी बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है.
भैया दूज का शुभ मुहूर्त
पंडित संजय मिश्र ने ताया कि भैया दूज की पूजा सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के पूर्व तक होती, लेकिन भाई दूज पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट से लेकर 1 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.
भाई दूज तिलक लगाने का मुहूर्त
भाई दूज पर तिलक लगाने का समय रविवार दोपहर 1:15 बजे से दोपहर 3:25 बजे तक है. उसके बाद बारबेला होगा. इस दौरान भाई दूज में भाई का चुमावन व तिलक नहीं लगाया जायेगा.
भाई दूज की क्या है परंपरा?
मान्यता है कि अगर बहनें भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त में भाइयों को तिलक करती हैं, तो भाइयों की उम्र लंबी होती है और भाई-बहन दोनों के जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके अलावा भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता आती है. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमराज की बहन यमुना ने अपने भाई को आदर सत्कार के साथ अपने घर आमंत्रित किया था और भोजन कराया था. यमराज के वरदान के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन मृत्यु को प्राप्त करेगा, मृत्यु के बाद उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा.
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