Wednesday, November 20, 2024
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Bhagyank 2: इस भाग्यांक वाले होते हैं सबसे वफादार, लेकिन ‘दोस्त’ ही करने लगते हैं शोषण, जानें ​विशेष बातें

आज हम आपको भाग्यांक 2 के जातकों के बारे में बता रहे हैं. भाग्यांक 2 का स्वामी ग्रह चन्द्रमा और दिन सोमवार है, चन्द्रमा स्वामी होने की बजह से इनके ऊपर उसकी प्रधानता रहती है. कभी-कभी इन्हें सर्दी और मानसिक पीड़ा रहती है, जिसकी बजह से ये जातक हमेशा अंदर-अंदर परेशान रहते हैं एवं अपनी समस्या को जल्दी किसी के सामने कह नहीं पाते. यह बेहद अंतरमुखी होते हैं, इनके बारे में जल्दी पता नहीं लगाया जा सकता है.

भाग्यांक की ऐसे करें गणना
प्रत्येक व्यक्ति को उसके मूलांक और भाग्य अंक के बारे में पता होना चाहिए. व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़कर जो एक अंक प्राप्त होता है वह मूलांक कहलाता है. इसके अलावा पूरी जन्म तिथि माह और वर्ष को जोड़कर जो एक अंक प्राप्त होता है उसे भाग्यांक कहते हैं.

जैसे कि 25-09-1986 जन्मतिथि में जातक का मूलांक 2-5=7 है और जातक का भाग्यांक 2+5+0+9+1+9+8+6= 4, इस जातक का भाग्यांक 4 है.

बचपन से जातक अपने मूलांक के हिसाब से प्रगति करता है, उसका व्यक्तित्व, उसकी भाषा, चरित्र आदि उस मूलांक के अनुसार ही डेवलप होता है. उस व्यक्ति को जीवन में क्या मिलेगा, कब उसके साथ क्या घटना घटित होगी, उसका जीवन कैसा रहेगा आदि सब उसके भाग्यांक के अनुसार होगा.

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भाग्यांक 2 के जातकों में होती हैं ये खास विशेषताएं:
1- भाग्यांक 2 के जातक बहुत ही दयालु स्वभाव के होते हैं. लोगों की मदद करना और उनकी केयर करना इन्हें बहुत पसंद होता है.

2- भाग्यांक 2 वाले लोग बहुत वफादार भी होते हैं, दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं.

3- भाग्यांक 2 वाले जातकों को बहुत जल्दी लोगों से लगाव हो जाता है और फिर वही लोग इनका शोषण कर मानसिक प्रताड़ित करते हैं.

4- भाग्यांक 2 के जातक बहुत जल्दी नकारात्मकता को ग्रहण करते हैं और फिर भावुक होकर जीवनयापन करते हैं.

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भाग्यांक 2 वाले जातकों को ये उपाय करना चाहिए:
1- भाग्यांक 2 वाले जातकों को सफ़ेद रंग के वस्त्र अधिक से अधिक पहनने चाहिए.

2- भाग्यांक 2 वालों को भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए.

3- भाग्यांक 2 वालों को पूर्णमासी व्रत रहना चाहिए एवं चंद्र देव को खीर का भोग लगाना चाहिए.

4- जगह-जगह पानी नहीं पीना चाहिए. सिर्फ मिनरल या आरओ वाटर ही पीना चाहिए, नहीं तो पानी से सम्बंधित बीमारियां एवं इन्फेक्शन हो सकता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha


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