भागलपुर. सनातन धर्म में अमावस्या का महत्व है. खास कर उस दिन अगर शनि जयंती पड़ रही हो तो उसका महत्व और बढ़ जाता है. इसे ज्येष्ठ अमावस्या भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ का विशेष लाभ मिलता है. इस वर्ष 6 जून को शनि जयंती और वट सावित्री पूजा एक साथ है. इसलिए इसे शुभ माना गया है. यानि इस दिन पूजा का दोहरा लाभ मिलेगा.
इस संबंध में जब पंडित रमानन्द झा से बात की गई तो उन्होंने बताया इस दिन का विशेष महत्व है. जो भी इस दिन गंगा स्नान कर दान करते हैं उन्हें लाभ मिलता है. उन्होंने बताया इस दिन शनि भगवान की विशेष पूजा करें. शनि भगवान पर सरसों का तेल चढ़ाएं.
कब तक है मुहूर्त
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या गुरुवार 6 जून को है. ये गुरुवार शाम 6 बजकर 8 मिनट तक रहेगी. वट सावित्री व्रत और शनि जयंती दोनों एक साथ पड़ रहे हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है इस दिन गंगा स्नान का लाभ मिलता है.
वट सावित्री व्रत और शनि जयंती
6 जून को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. वट सावित्री व्रत और शनि जयंती भी है. इस तिथि पर रोहिणी नक्षत्र और धृति योग का संयोग रहेगा. चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद रहेंगे. शुभ मुहूर्त की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट का है. राहुकाल 2 बजकर 03 मिनट से लेकर 3 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.
शुभ मुहूर्त का समय
इस दिन तंदूर की बनी रोटी कुत्तों को खिलाएं. इस दिन आराधनाः ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम: का माला जाप करें. इस दिन खरीददारी करने का समय शामः 03:00 से 04:30 तक है.
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FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 07:23 IST