Thursday, December 19, 2024
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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में फंसे 4500 भारतीय छात्र वापस लौटे

Bangladesh Violence: बांग्लादेश हिंसा में जल रहा है. सड़कों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच खबर है कि बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों को भारत वापस बुला रहा है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 4500 से ज्यादा भारतीय छात्र बांग्लादेश से भारत वापस लौट आएं हैं. उच्चायोग भारतीय नागरिकों की देश की सीमा तक सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था में लगा है. वहीं जितने लोग बांग्लादेश से भारत आएं हैं उनमें नेपाल के 500, भूटान के 38 और मालदीव के 1 छात्र भी शामिल हैं. बता दें, बांग्लादेश में भारतीय छात्रों की संख्या करीब 8000 है और उनमें से अधिकतर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. अधिकतर छात्र को मिला, ब्राह्मणबारिया और ढाका के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे हैं. अधिकतर छात्र त्रिपुरा के रास्ते भारत में प्रवेश करने की कोशिश में हैं.

हाई अलर्ट पर है बीएसएफ
सीमा सुरक्षा बल पड़ोसी देश बांग्लादेश में मौजूदा हिंसा को लेकर हाई अलर्ट पर हैं. बीएसएफ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. बीएसएफ हाई अलर्ट पर है. बता दें, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. हालात को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है. बीएसएफ के त्रिपुरा फ्रंटियर के महानिरीक्षक पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बड़ी संख्या में जवानों और सभी वरिष्ठ कमांडरों को सीमा पर भेजा गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण घटाया
लगातार हिंसा के बीच बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण रविवार को घटा दिये हैं. दरअसल 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी तक आरक्षण दिया जाता था. इधर, नौकरियों की कमी से गुस्साए प्रदर्शनकारी उस प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे थे. इससे पहले साल 2018 में बड़े पैमाने पर छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने इसपर रोक लगा दी थी. इसके बाद इसी साल जून में बांग्लादेश हाई कोर्ट ने फिर से आरक्षण बहाल कर दिया था. इसी से गुस्साए छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को अपने फैसले में कहा कि 93 फीसदी सरकारी नौकरियां योग्यता आधारित प्रणाली के आधार पर आवंटित की जाएं, पांच फीसदी 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिजनों तथा अन्य श्रेणियों के लिए दो फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएं. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर कई दिन से प्रदर्शन हो रहे थे और हालात बिगड़ने पर शनिवार को पूरे देश में कठोर कर्फ्यू लगा दिया गया.

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