Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में ढाका हाईकोर्ट की ओर से स्वतंत्रता सेनानियों परिजनों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिए जाने के बाद शुरू हुए छात्रों के विरोध-प्रदर्शनों ने शेख हसीना सरकार का तख्ता पलट दिया. छात्रों के हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भाग जाना पड़ा. हालांकि, शेख हसीना बांग्लादेश से बाहर निकलकर खुद को सुरक्षित कर लिया है, लेकिन उनके देश की अर्थव्यवस्था हालत बेहद खराब है. बांग्लादेश का सरकारी खजाना डॉलर की कमी से जूझ रहा है. बताया जा रहा है कि उसके पास इतना विदेशी मुद्रा भंडार भी नहीं बचा है, जिससे वह आसानी से आयात-निर्यात कर सके. उसकी इस आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि क्या बांग्लादेश भी पाकिस्तान की तरह बर्बाद हो जाएगा?
बांग्लादेश के पास विदेशी मुद्रा भंडार कितना है?
ट्रेडिंग इकोनॉमिक डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, मई 2024 में बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 24197.20 मिलियन डॉलर था, जो जून 2024 में बढ़कर 26815.20 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार 2008 से 2024 तक औसतन 24916.34 मिलियन डॉलर रहा, जो अगस्त 2021 में 48060.00 मिलियन डॉलर के ऑल-टाईम हाई से काफी कम है. साल 2008 में जून का ऐसा महीना था, जब बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार 7470.90 मिलियन डॉलर के रिकॉर्ड निम्नतम स्तर पर पहुंच गया था.
बांग्लादेश किन-किन वस्तुओं का निर्यात करता है?
मीडिया की रिपोर्ट्स में भारत के निर्यातकों की ओर से बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है. उसके विदेशी मुद्रा भंडार में इतना डॉलर भी नहीं है कि वह सुलभतापूर्वक आयात-निर्यात कर सके. विदेशी मुद्रा की कमी की वजह से उसे पहले से ही निर्यात में रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है. बांग्लादेश जूट, जूट से बने उत्पाद, रसायन और रसायन से बने उत्पाद, पेट्रोलियम पदार्थ, टेक्नोलॉजी, मछली और टेक्सटाइल स्क्रैप का निर्यात करता है.
बांग्लादेश संकट का भारत पर कितना प्रभाव पड़ेगा?
बांग्लादेश के राजनीतिक संकट से भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा. भारत बांग्लादेश को मसाले, कपास, मशीनरी और खाद्य उत्पादों सहित कई तरह के सामान निर्यात करता है. भारत के निर्यातकों का कहना है कि बांग्लादेश के घटनाक्रमों का द्विपक्षीय व्यापार पर असर पड़ेगा. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की वजह से हमें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी. पश्चिम बंगाल के निर्यातक और पैटन के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया ने कहा कि दोनों देशों के बीच सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक संबंध काफी गहरे हैं. इसलिए इस संकट का भारत के व्यापार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है.
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