Bangladesh News: बांग्लादेश सरकार ने मंगलवार को ढाका में भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया. बांग्लादेश की सरकार त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में हमले को लेकर अपनी नाराजगी जताई. साथ ही बांग्लादेश ने अगरतला में अपनी काउंसलर सर्विस भी अगले आदेश तक के लिए बंद कर दी है. वहीं, तोड़फोड़ मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.
भारतीय उच्चायुक्त को ढाका में किया गया तलब
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया है. बांग्लादेश की सरकार ने तोड़फोड़ की घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया है. सूत्रों से खबर है कि भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह को सारी स्थिति से अवगत कराया है.
प्रदर्शन के दौरान की गई तोड़फोड़
बता दें, बांग्लादेश में हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का भारत में जोरदार विरोध हो रहा है. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी इसके विरोध में बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. देखते-देखते प्रदर्शन उग्र हो गया. प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया और अंदर घुस गए. उन्होंने असिस्टेंट हाई कमीशन में जमकर तोड़फोड़ की. एक पोल से बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज को भी उतार दिया. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना निंदा भी की, साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई भी की जा रही है.
असिस्टेंट हाई कमीशन की बढ़ाई गई सुरक्षा
इधर, घटना के बाद असिस्टेंट हाई कमीशन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. वाणिज्य दूतावास के बाहर सीआरपीएफ के साथ-साथ त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने घटना को लेकर कहा है कि अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई कमीशन में घुसपैठ की घटना बहुत दुखद है. किसी भी परिस्थिति में डिप्लोमेटिक और काउंसलर प्रॉपर्टी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
महंत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का हो रहा विरोध
हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बीते दिनों बांग्लादेश में गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद से ही हिंदू समुदाय के लोग लगातार विरोध कर रहे हैं. बता दें, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहीं रहे अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. सबसे ज्यादा हमले हिंदुओं पर हो रहे हैं. उन्हें मारा पीटा जा रहा है. उनके धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की जा रही है. इसका भारत में भी जमकर विरोध हो रहा है.
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