Bangladesh Protest: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ चल रहा छात्रों का विरोध प्रदर्शन दिन प्रतिदिन हिंसक होता जा रहा है. विरोध के बीच सरकार ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू (Bangladesh Curfew) लगाने का ऐलान किया है. शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने कानून व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जगह-जगह सेना तैनात करने का आदेश दिया है. लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे प्रदर्शनकारी छात्रों ने निजी वाहनों और बसों मे आग फूंक दिया है. अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए हैं, और 105 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. देश में तत्काल प्रभाव से इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है.
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अब तक 105 मौतें, बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा रही सरकार
बांग्लादेश मे चल रहे विरोध प्रदर्शन में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है. शेख हसीना के 15 साल के कार्यकाल में छात्रों यह विरोध सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. सरकार के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम खान ने बताया है कि सरकार ने देश भर में कर्फ्यू लगाने का आदेश दे दिया है और अधिकारियों की मदद से जगह-जगह सेना तैनात करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि यह कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इस विरोध प्रदर्शन में हिंसा को रोकने की कोशिश में सरकार ने सभी सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने का कठोर कदम उठाया है. स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए हैं. बसों और ट्रेनों पर भी रोक लगा दी गई है. पुलिस के एक चीफ अधिकारी ने कहा – ‘ढाका में हमने आज सभी रैलियां, जुलूस और सार्वजनिक समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी था. इंटरनेट सुविधा भी बंद कर दिया गया है, हालांकि इसके बावजूद पुलिस और प्रदर्शनकारी के बीच टकराव नहीं थम रहा है.
शेख हसीना से इस्तीफा की मांग
इस विरोध में शामिल होने वाले एक प्रदर्शनकारी सरवर तुषार को पुलिस की कार्यवाही के मामले में गंभीर चोट आई है, फिर भी उनका कहना है कि हमारा विरोध जारी रहेगा. सभी प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफा की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोगों की मौत के लिए सरकार जिम्मेवार है. प्रदर्शनकारीयों ने बांग्लादेश के मध्य में नरसिंगड़ी जिले में एक जेल पर धावा बोलकर वहां भी आग लगा दी. इससे पहले उन्होंने कैदियों को जेल से छुड़ा लिया.
भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान
भारत सरकार ने इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी मीडिया ब्रीफिंग में कहा है कि- पड़ोसी देश में रह रहे 15000 भारतीय सुरक्षित हैं, जिनमें 8500 के करीब छात्र हैं. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद इस मामले में करीब से नजर रख रहे हैं. ढाका से भारत देश लौटने के लिए इच्छुक भारतीयों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जा रही है. शुक्रवार रात 8:00 बजे तक 125 छात्रों सहित 245 भारतीय बांग्लादेश से लौट आए हैं. सुरक्षा के संदर्भ में पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित बेनापोल-पेट्रापोल, गेडे-दर्शाना और त्रिपुरा में अखौरा-अगरतला क्रॉसिंग छात्रों और भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए खुले रहेंगे.
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