Bangladesh Electricity Crisis: क्या बांग्लादेश अंधेरे में डूब जाएगा? उठ रहे इस सवाल के बीच एक अच्छी खबर आई है. जी हां, बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने के लिए नेपाल, बांग्लादेश और भारत लंबे समय से प्रतीक्षित त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के प्रवक्ता चंदन कुमार घोष की ओर से बताया गया कि समझौते में एनईए, भारत की एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड और बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड (बीपीडीबी) शामिल होंगे. समझौते की शर्तों के अनुरूप एनईए को प्रति यूनिट बिजली पर 6.40 अमेरिकी सेंट मिलेंगे. नेपाल और बांग्लादेश भारत की पारेषण लाइन का इस्तेमाल अपने क्षेत्र में बिजली वितरित करने के लिए करेंगे.
पहले यह समझौता 28 जुलाई को होने वाला था लेकिन बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और सरकार बदलने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, समझौते की तैयारी के लिए पिछले दो दिनों में काठमांडू में ऊर्जा सचिव और संयुक्त सचिव स्तर की बैठकें हुईं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल विद्युत प्राधिकरण की योजना 15 जून से 15 नवंबर तक बरसात के दौरान बांग्लादेश को बिजली बेचने की है. शुरुआत में नेपाल भारत के जरिये बांग्लादेश को देश में उत्पादित 40 मेगावाट बिजली का निर्यात करेगा.
बीपीडीबी का बकाया बढ़कर 1 अरब डॉलर से अधिक
दरअसल, बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करने वाले भारतीय बिजली निर्यातक बढ़ते वित्तीय दबाव से जूझ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड (बीपीडीबी) का बकाया बढ़कर 1 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है. dhakatribune.com ने यह खबर द हिन्दू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के हवाले से पिछले दिनों प्रकाशित की. रिपोर्ट के अनुसार, इस स्थिति ने SEIL एनर्जी इंडिया और PTC सहित कई आपूर्तिकर्ताओं को बकाया भुगतान वसूलने के लिए BPDB द्वारा प्रदान की गई गारंटी पर विचार कर सकता था.
Read Also : Bangladesh Electricity Supply: हमारा झारखंड कर रहा है बांग्लादेश को रौशन
अदाणी पावर को 70 मिलियन डॉलर का आंशिक भुगतान किया गया
बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने वाली 5 भारतीय संस्थाओं में से एक, अदाणी पावर को हाल ही में 70 मिलियन डॉलर का आंशिक भुगतान किया गया है, लेकिन यह हर महीने दिए जाने वाले 90-100 मिलियन डॉलर के बिल से बहुत कम है. SEIL एनर्जी इंडिया, जो 250 मेगावाट बिजली सीधे जबकि 200 मेगावाट बिजली पीटीसी के माध्यम से आपूर्ति करती है, पर पिछले आठ महीनों में ही 190 मिलियन डॉलर से अधिक बकाया है. अदाणी पावर का वर्तमान कुल बकाया शेष 850 मिलियन डॉलर है.
बिजली निर्यातकों के पास क्या बचा ऑप्शन
बांग्लादेश में बकाया भुगतान एक व्यापक समस्या के तौर पर ऊभर रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह विदेशी मुद्रा की कमी और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है. बिजनेस लाइन के अनुसार, बीपीडीबी भारतीय कंपनियों सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं को बीच-बीच में भुगतान कर रहा है, लेकिन इससे समस्या का हल नहीं निकलने वाला है. यदि ऐसी ही स्थिति बनी रहती है, तो बिजली निर्यातकों के पास दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर के दौरान दी गई गारंटी को लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा.
(इनपुट पीटीआई)