Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी हिंसात्मक आन्दोलन के बाद वहां चारों तरफ अव्यवस्था फैली हुई है. हर तरफ तबाही का मंजर है. तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हालात बेकाबू हो चूके हैं. वहां के अस्पताल घायल लोगों से भरे हुए हैं. ऐसे में वहां मौजूद भारतीय डॉक्टर उनके लिए मसीहा बने हुए हैं. भारतीय डॉक्टर ने बांग्लादेश के लोगों की जान बचाने का जिम्मा उठाया है. इसके लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ रही है. सूत्रों के मुताबिक वहां मौजूद डॉक्टरों को 17 से 18 घंटे काम करना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार बांग्लादेश मे मौजूद भारतीय डॉक्टर्स का कहना है कि वहां के कई अस्पतालों में घायल हुए लोगों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हो रही है. वहां के अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों पर अत्यधिक बोझ बढ़ गया है.
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बांग्लादेश में चारों तरफ तबाही का मंजर
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद चारों तरफ व्यापक हिंसा फैली हुई है. इस हिंसा में अब तक पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और उनके सहयोगी दलों से जुड़े करीब 29 नेताओं की हत्या कर दी गई. इसके साथ आंदोलकारियों ने बड़ी बेरहमी से बांग्लादेशी एक्टर शान्तो खान और उनके पिता सलीम खान को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया है. हिंसा और विद्रोह को देखते हुए , सुरक्षा कारणों के चलते वहां से भारतीय के दूतावास के 190 कर्मचारियों को भारत वापस बुला लिया गया है. बताते चलें की राष्ट्रव्यापी हिंसा के बीच शेख हसीना ने 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ दिया था और उन्होंने भारत में शरण ली है.
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