Bangladesh News: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला है. तख्तापलट के बाद बांग्लादेश अपना तेवर दिखाने लगा है जिसकी वजह से भारत–बांग्लादेश सीमा पर तनाव बढ़ गया है. गुरुवार शाम को उत्तर बंगाल के कूचबिहार में भारत बांग्लादेश सीमा के पास बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के कर्मियों ने भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों को मवेशी बाड़ बनाने से रोक दिया. बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच इस घटना के बाद दोनों देशों के संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं. बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि मवेशी बाड़ का निर्माण दोनों देशों के बीच 2012 में हुए समझौते के अनुसार किया जा रहा था जिसे बांग्लादेशी सैनिकों द्वारा रोक दिया गया है. इस मामले को लेकर कोई हिंसा तो नहीं हुई, लेकिन सीमा पर सैनिकों की चौकसी बढ़ गई है.
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BSF के एक अधिकारी ने बताया पूरा मामला
BSF के एक अधिकारी ने बताया कि जब हमारे सैनिक मवेशियों के लिए बाड़ के निर्माण की निगरानी कर रहे थे तब बांग्लादेश सैनिकों ने आपत्ति जताई. सीमा पर बाड़ का निर्माण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा था कि एक देश के पशु दूसरे देश में ना चले जाएं और गांव के निवासियों के बीच विवाद पैदा ना हो, लेकिन इसे रोक दिया गया. बांग्लादेशी सैनिकों और BSF के बीच इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए सीमा पर फ्लैट मीटिंग की गई लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. अब यह मामला अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में होने वाली दोनों सेना के महानिदेशकों के बैठक में उठाया जाएगा.
एक हफ्ते में यह दूसरी बार सीमा पर तनाव बढ़ा
एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब सीमा पर तनाव बढ़ा है. शनिवार को बिजीबी ने पांच भारतीय नागरिकों को वापस करने से इनकार किया. वे पांच भारतीय शनिवार को गंगा में तस्करी किए गए जानवरों को बचाने के लिए बीएसएफ कर्मियों की मदद कर रहे थे तभी उनकी स्पीड बोट में खराबी आ गई और धारा उन्हें बांग्लादेश की ओर बहा ले गई. इसके बाद विभिन्न स्तरों पर कई फ्लैट मीटिंग के बावजूद बांग्लादेश ने उन्हें वापस करने से इनकार कर दिया और उन्हें बांग्लादेश की जेल में बंद कर दिया गया है, वह अभी भी जेल में हैं. दिल्ली स्थित बीएसएफ मुख्यालय ने कहा है कि BGB अब अवैध घुसपैठ और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में अच्छी प्रतिक्रिया दी है लेकिन पूर्वी क्षेत्र के सीमा पर लोगों का कहना है कि सरकार गिरने के बाद कई मुद्दों पर BGB का रुख बदल गया है.
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