Ballia Lok Sabha Election Result 2024: उत्तर प्रदेश के सबसे पूर्वी छोर और बिहार की सीमा से सटी हुई बलिया लोकसभा सीट है. बलिया लोकसभा देश को एक प्रधानमंत्री भी दे चुकी है. बलिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीट आती है. पहला-फेफना विधानसभा, दूसरा- बलिया नगर विधानसभा, तीसरा- बैरिया विधानसभा, चौथा- जहूराबाद विधानसभा और पांचावां- मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट आती हैं. यह पांचों सीट सामान्य वर्ग के लिए है. बलिया लोकसभा सीट पर कुल 13 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. लेकिन बलिया में भाजपा के नीरज शेखर, INDIA गठबंधन से सनातन पांडेय और बसपा से लल्लन सिंह यादव के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा.भाजपा की तरफ से बलिया से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर चुनावी मैदान में है. वहीं नीरज शेखर यहां से पहले भी सपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं. नीरज शेखर मौजूदा वक्त में राज्यसभा के सांसद हैं. नीरज शेखर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र हैं.
बलिया लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला
उत्तर प्रदेश में इस बार बलिया लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. लोकसभा चुनाव में बीजेपी जहां अपनी जीत बरकरार रखने का दावा कर रही है, वहीं सपा नेता और कार्यकर्ता भी अपनी जीत का जश्न मनाने की तैयारी कर चुके है. इधर, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस के हौसले भी बुलंद हैं. बलिया लोकसभा सीट पर पहले से ही बहुजन समाज पार्टी की भी अच्छी पकड़ रही है. इस बार बसपा ने लल्लन सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. हालांकि इस बार बहुजन समाजपार्टी की सक्रीयता चुनाव प्रचार के दौरान बहुत ही कम दिखी थी. बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव में बीजेपी से वीरेंद्र सिंह मस्त चुनाव मैदान में थे. वीरेंद्र सिंह मस्त 4,69,114 वोट हासिल करके जीतने में सफल रहे और बलिया लोकसभा के सांसद बनें. वहीं सपा से सनातन पांडे चुनाव मैदान में रहे. जबकि दूसरे स्थान पर सपा के सनातन पांडे को 4,53,595 वोट मिले थे. सपा ने एक बार फिर से सनातन पांडे को चुनाव मैदान में उतारा है.
बलिया सीट का समीकरण
बलिया जिले में तीन लोकसभा क्षेत्र बलिया घोसी और सलेमपुर आते हैं. बलिया लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर सबसे अधिक आबादी ब्राह्मणों की है. ब्राह्मण आबादी तीन लाख से अधिक बताई जाती है, इसके अलावा यादव, राजपूत और दलित वोटर भी यहां पर बड़ी संख्या में है. बलिया लोकसभा में तीनों वर्ग की आबादी की संख्या करीब ढाई-ढाई लाख के करीब है. मुस्लिम वोट करीब 1 लाख है. बलिया लोकसभा सीट पर 18 लाख के करीब वोटर हैं.
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जानें बलिया में 1951 से अब तक कब किसकी हुई जीत
बलिया लोकसभा सीट देश को एक प्रधानमंत्री भी दे चुकी है. बलिया लोकसभा सीट पर अब तक के हुए चुनावों में सबसे अधिक पूर्व पीएम चंद्रशेखर ने जीत दर्ज की है. जानकारी के अनुसार 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के राम नगीना सिंह सांसद बने थे. चंद्रशेखर देश के पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने सांसद से सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. चंद्रशेखर कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. 1957 में एक बार फिर सोशलिस्ट पार्टी के राधे मोहन सिंह सांसद निर्वाचित हुए. फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सिंबल पर 1962 में मुरली मनोहर सांसद बने. 1967 के लोकसभा चुनावों में चंद्रिका प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर विजयी हुए थे. 1971 में चंद्रिका प्रसाद ने एक बार फिर जीत हासिल की थी. इसके बाद 1977 में चंद्रशेखर ने जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. 1980 में चंद्रशेखर ने एक बार फिर जीत हासिल की.
बलिया लोकसभा सीट पर शेखर परिवार का सबसे अधिक रहा कब्जा
1984 के चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जगन्नाथ चौधरी चुनाव जीते. फिर 1989 में जनता दल के सिंबल पर चंद्रशेखर संसद में पहुंचने में कामयाब रहे. 1991 से लेकर 2004 तक चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी के सिंबल पर बलिया संसदीय सीट से निर्वाचित होते रहे. चंद्रशेखर जी 8 जुलाई 1907 को स्वर्ग सिधार गए. इसके बाद वर्ष 2008 के उपचुनाव में चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर समाजवादी पार्टी के सिंबल पर सांसद बने. वहीं 2009 के चुनाव में एक बार फिर समाजवादी पार्टी के सिंबल पर नीरज शेखर जीतकर लोक सभा पहुंचे. वहीं 2014 के मोदी लहर में नीरज शेखर हार गए और बीजेपी के भरत सिंह विजय हुए थे. फिर 2019 में एक बार फिर भाजपा ने सीट पर जीत हासिल की थी और वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद निर्वाचित हुए थे.