वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार, 23 जुलाई को लगातार सातवीं बार केंद्रीय बजट पेश किया। 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मोदी 3.0 और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का यह पहला बजट था. मगर इस बजट से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को निराशा हाथ लगी. हालांकि सोलर पैनल पर कस्टम ड्यूटी घटने की वजह से सोलर एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य में सोलर से चलने वाली गाड़ियां सस्ती होंगी. साथ ही लिथियम आयन बैटरी सस्ती करने की घोषणा की गई है. जिसका मतलब है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल भी सस्ते हो सकते हैं. बावजूद इसके इंडस्ट्री को बजट से काफी उम्मीदें थीं.
Hybrid वाहनों को लेकर कोई घोषणा नहीं
जैसा की उम्मीद जताया जा रहा था कि बजट वित्त वर्ष 2024-25 में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए कई घोषणाएं की जाएंगी मगर ऐसा नहीं हुआ. इंडस्ट्री उम्मीद जाता रही थी Hybrid वाहनों पर कुछ छूट दी जा सकती है पर वित्त मंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की. इसके साथ ही FAME-3 और स्क्रैप पॉलिसी को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई.
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FAME III और EVs पर भी कोई घोषणा नहीं
उम्मीद थी कि भारत सरकार के महत्वाकांक्षी EV अपनाने के लक्ष्य के साथ 2030 तक वाहनों की कुल बिक्री का 30 प्रतिशत EV को बनाना है, इसके लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के नए तेज़ अपनाने और विनिर्माण (FAME III) से EV खरीदारों के लिए सब्सिडी बढ़ सकती है, मगर ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई.
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24
सोमवार को पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 से पता चला है कि ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) ने 67,690 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को आकर्षित किया है. मार्च 2024 के अंत तक, 14,043 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. इस योजना का उद्देश्य रोजगार को बढ़ावा देना है.
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