Astrology: प्रायः सभी के मन में एक प्रश्न बनता है कि किस क्षेत्र में हमारी उन्नति होगी, नौकरी करें या व्यापार, इस बात को लेकर मन में शंका बनी रहती है. कई बार आम लोगो को देखा जाता है कि नौकरी करते है, लेकिन नौकरी में स्थिरता नहीं रहती है. नौकरी में बार बार बदलाव होते रहता है. अगर नौकरी करते है तो आधिकारी के साथ अनबन की स्थति बनती है. कई लोगो के साथ यह भी देखा जाता है कि अगर वे व्यापार है, लेकिन व्यापार ठीक नहीं चलता है. कई बार तो व्यापार में लगाया हुआ मोटा पूंजी डूब जाता है, जिससे व्यक्ति के मन में नकारत्मक विचार बनता है. कभी -कभी ऐसा देखकर मन में संदेह बनता है. कौन सा कार्य करें जिसमें करियर उन्नति करे तथा आर्थिक स्थिति ठीक हो सके.
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जन्मकुंडली के अनुसार कौन सा क्षेत्र अनुकूल रहेगा
जन्मकुंडली के अनुसार व्यक्ति के कौन सा क्षेत्र में उन्नति करेंगे, इसका उल्लेख जन्मकुंडली के सातवे भाव तथा छठे भाव दशम भाव को देखकर विचार किया जाता है. इन भावों में जो भी ग्रह है उसी अनुसार कार्य क्षेत्र का चुनाव किया जाता है, तथा उस चुने हुए क्षेत्र में आप आगे निरंतर बढ़ते रहते है. यह क्षैत्र आपके लिए अनुकूल होगा तथा आपकों कभी धन की कमी नहीं होता है.
यदि जन्मकुंडली के पहला सातवे ,दशम भाव का कार्येश हो तब व्यक्ति को कारोबार करने से धन का लाभ होता है यदि छठे और दशम भाव के कार्येश हो तब नौकरी से धन का लाभ होता है .
जन्मकुंडली के तीसरे भाव में कार्येश हो तब व्यक्ति एजेंसी तथा प्रिंटिंग प्रेस कमीशन दलाली तथा रिपोर्टर के कार्य करते है, इनमें इनको सफलता मिलता है धन की कमी नहीं होता है .
जन्मकुंडली के दूसरे भाव और पंचम भाव में कार्येश बैठे है. व्यक्ति भूमि भवन, बगीचा तथा शिक्षा के क्षेत्र तथा टेलीविजन से लाभ होगा सिनेमा से लाभ मिलता है.
जन्मकुंडली के दूसरे भाव और सप्तम भाव का कार्येश हो इस स्थति में विवाह मंडल तथा पार्टनरशिप एवं कानून से सम्बंधित कार्य से धन का लाभ होता है .
यदि जन्मकुंडली के दशम भाव में कई ग्रह एक साथ सभी ग्रह के होने से व्यक्ति को व्यापार से धन का लाभ मिलता है . आपको ध्यान देना पड़ेगा दशम भाव कौन सा ग्रह है, उसी अनुसार व्यक्ति को लाभ मिलता है .जैसे अगर दशम भाव में मंगल है तो भूमि भवन के व्यापार से लाभ मिलता है .
जन्मकुंडली के दशम भाव में कोई ग्रह नहीं हो दशम भाव के स्वामी के अनुसार व्यापार में लाभ मिलता है यदि दशम भाव में शुक्र है कास्मेटिक प्रसाधन ,ज्वेलरी के कार्य से लाभ होता है .दसमेश किसी भी ग्रह के साथ होते है उसी अनुसार लाभ देते है .
जन्मकुंडली में सूर्य के साथ गुरु होने से व्यक्ति अनाज के व्यापार से लाभ होता है. जन्मकुंडली में कोई भी ग्रह पहला ,पांचवा या नवम भाव के होकर दशम भाव में स्थित हो या पहला ,पांचवा ,नवं भाव या अपने भाव में स्थित हो व्यक्ति व्यापार से खूब लाभ होता है. साथ ही नौकरी से इन्हें अच्छा लाभ मिलता है. ऐसे लोग दोनो काम करते है.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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