वास्तु में दिशाएँ सिर्फ़ यही नहीं होतीं, वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिशा एक अलग ऊर्जा केंद्र का प्रतिनिधित्व करती है. इनमें से प्रत्येक दिशा पर एक शासक ग्रह स्वामी का शासन होता है. इन सभी दिशाओं की अपनी विशिष्ट ऊर्जा विशेषताएँ होती हैं और आप उस विशेष दिशा में किस प्रकार के कमरे बना रहे हैं, उसके आधार पर आपके परिवार पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. दक्षिण-पश्चिम दिशा वाले घर के वास्तु पर भी प्रभाव अलग नहीं होते. दक्षिण-पश्चिम कोना पृथ्वी तत्व की दिशा है, पृथ्वी भारीपन और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करती है. यह कोना दानव “नैरुथ्य” द्वारा शासित भी है और इसलिए इसे अशुभ माना जाता है. दक्षिण-पश्चिम मुखी घर के वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम कोने में अपना प्रवेश द्वार बनाने से वित्तीय चिंताएँ, दुर्घटनाएँ और जोड़ों के बीच संबंधों में समस्याएँ हो सकती हैं. यही कारण है कि अधिकांश वास्तु विशेषज्ञ दक्षिण-पश्चिम मुखी संपत्ति से दूर रहने की सलाह देते हैं. घर के साउथ-वेस्ट में दोष होने से हमेशा पति-पत्नि के बीच तकरार होने की आशंका रहती है.
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साउथ-वेस्ट में ये 6 चीजें करती हैं दिक्कत
1. दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार नहीं होना चाहिए.
2.दक्षिण-पश्चिम दिशा में शौचालय नहीं बनवाना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है और घर में रहने वाले लोगों पर बुरा असर पड़ता है.
3.दक्षिण-पश्चिम दिशा में भूमिगत पानी की टंकी नहीं रखनी चाहिए.
4.दक्षिण-पश्चिम दिशा में बच्चों का स्टडी रूम नहीं बनाना चाहिए.
5.दक्षिण-पश्चिम दिशा में मेहमानों का कमरा नहीं बनवाना चाहिए.
6.दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन में पानी का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए.
साउथ-वेस्ट के वास्तु उपाय
आप उलझन में हैं कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित घर अच्छा है? वास्तु विशेषज्ञों द्वारा दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित घरों को हमेशा अशुभ माना जाता है हालाँकिआपने दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित फ्लैट/अपार्टमेंट खरीदा है तो यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप इसके प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सकते हैं-
1- प्रवेश द्वार के पास हनुमान जी की मूर्ति (बाईं ओर गदा सहित) रखें.
2-मूर्ति के पास गायत्री मंत्र चिपकाएं.
3- यदि आपके प्रवेश द्वार के पास कोई खाली दीवार है, तो वहां भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र अवश्य रखें.
4- सुनिश्चित करें कि आपके घर में दरवाजों और खिड़कियों की संख्या सम हो.
5- बुरी ऊर्जा को दूर रखने के लिए घर में गुलाबी रंग शामिल करें.
6. दक्षिण-पश्चिम दिशा में फैमिली फ़ोटोग्राफ़ लगाना अच्छा माना जाता है.
7. दक्षिण-पश्चिम दिशा में दीवारों को हल्के रंगों से रंगना चाहिए.
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साउथ-वेस्ट में ये चीजें रखनी चाहिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के अंदर सभी प्रकार के भारी उपकरण या मशीनरी जैसे वाशिंग मशीन, अलमारियाँ, या यहां तक कि भारी सोफे – सभी को घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए. दक्षिण-पश्चिम भाग भारी मशीनरी के लिए शुभ माना जाता है और घर में सभी भारी चीजों के लिए बढ़िया माना जाता है.
घर बनाते समय यह भी रखें ध्यान
1. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का ड्राइंग रूम कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. माना जाता है कि इस दिशा में बाहर से आने वालों की खराब नजर घर को जल्दी लग जाती है. राहु और केतु की दिशा होने के कारण इस दिशा का प्रभाव लोगों के मन और व्यवहार पर पड़ता है. इसलिए अगर संभव हो तो इस दिशा में गेस्ट रूम बनवाने से बचना चाहिए.
2. घर दक्षिण-पश्चिम दिशा में पूजा-पाठ से जुड़ा कोई काम नहीं करना चाहिए. इस दिशा में पूजा घर गलती से भी नहीं बनवाना चाहिए. राहु-केत की दिशा होने की वजह से इस दिशा में मन एकाग्र नहीं रहता है और पूजा पाठ में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में पूजा करने से पूजा का फल नहीं मिलता है. घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए क्योंकि इस दिशा में देवी-देवता निवास करते हैं.
3. घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में बच्चों का स्टडी रूम नहीं बनवाना चाहिए. राहु-केतु की दिशा की वजह से मन में भटकता रहता है और बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है. एकाग्रता ना बन पाने की वजह से इस दिशा में पढ़ने लिखने का कोई लाभ नहीं मिलता है इसलिए स्टडी रूम इस दिशा में नहीं बनवाना चाहिए.
4. वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में शौचालय बनवाने से बचना चाहिए. इस दिशा में बना शौचालय घर में नकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है. इसके प्रभाव से घर में रहने वाले लोगों की तरक्की रुक जाती है. इतना ही इसका प्रभाव लोगों की सेहत पर भी पड़ता है जिसकी वजह से लोग हमेशा बीमार रहते हैं.
5. भूमिगत पानी की टंकी को कभी भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ नहीं रखना चाहिए. माना जाता है कि इससे घर में वास्तु दोष बढ़ सकता है. इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा बरकरार रखने के लिए इस दिशा में पानी की टंकी ऊपर की ओर बनवानी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 15:31 IST