Shani Sade Sati : ज्योतिष के मुताबिक, शनि की साढ़ेसाती, शनि ग्रह की एक विशेष दशा है जो साढ़े सात साल तक चलती है. लोगों का मानना है कि यह हमेशा बुरा फल देती है. परंतु ऐसा बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है. सबसे पहले देखना होगा कि आपकी व्यक्तिगत दशा क्या है. इसके बाद कुंडली में शनि की स्थिति देखनी होगी. तब जाकर यह समझा जा सकता है कि साढ़ेसाती या ढैय्या का फल बुरा होगा या अच्छा होगा. अगर यह शुभ परिणाम दे तो करियर में सफलता मिलती है. व्यक्ति को आकस्मिक रूप से धन और उच्च पद मिल जाता है. साथ ही व्यक्ति को विदेश से लाभ होता है और विदेश यात्रा के योग बन जाते हैं. अगर साढ़ेसाती अशुभ परिणाम दे तो रोजगार के रास्ते बंद हो जाते हैं. स्वास्थ्य की जटील समस्याएं हो जाती हैं. कभी-कभी दुर्घटनाओं तथा अपयश की स्थिति आ जाती है. साढ़ेसाती सबसे ज्यादा मानसिक स्थिति पर नकारात्मक असर डालती है.शनि की साढ़े साती के दौरान, व्यक्ति को मानसिक तनाव, शरीर में दर्द, और कई तरह के खर्चों का सामना करना पड़ता है.
शनि की साढ़ेसाती के बारे में कुछ खास बातेंः
1. शनि की साढ़ेसाती तब होती है जब शनि ग्रह, लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है.
2. शनि की चाल धीमी होती है, इसलिए यह एक राशि में करीब ढाई साल तक रहता है.
3. शनि की साढ़ेसाती, तीन चरणों में होती है.
4.शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण को शुरुआती साढ़ेसाती कहा जाता है.
5. दूसरे चरण को चरम काल वाली साढ़ेसाती कहते हैं.
6. तीसरे चरण को उतरती हुई साढ़ेसाती कहते हैं.
7. शनि की साढ़े साती का असर, करियर, सेहत, और व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है.
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साढ़ेसाती के उपाय
रोज सुबह और सायं शनि मंत्र ” ऊं शं शनैश्चराय नम: ” का जाप करें. शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल ता दीपक जलाएं. वहीं पर हनुमान चालीसा का पाठ भी करें. भोजन में सरसों का तेल, काले चने और गुड़ का प्रयोग करें. साथ ही अपना व्यवहार और आचरण अच्छा रखें. इसके अलावा एक लोहे का छल्ला बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें. जब साढ़ेसाती का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाए तो शनिवार को शाम के समय दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें.शनि की साढ़े साती से बचने के लिए, शनिवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
ऐसे करें शनिदेव की पूजा
शनिवार को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद शनि की पूजा अर्चना से विशेष लाभ होता है. काले या नीले आसन पर बैठकर तिल के तेल का दीपक जलाएं. पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करें और प्राणायाम करें. अब लगातार 7 बार शनिस्तोत्र का पाठ करें ऐसा सुबह और शाम लगातार 27 दिन करें. अपनी समस्या के लिए शनिदेव से प्रार्थना करें.
शनि की साढ़े साती से बचने के लिए आपको शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर शनिदेव को सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करने चाहिए.
शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ जरूर करें. साथ ही शनिवार के लिए 21 बार शनि स्त्रोत का पाठ करने से आपको शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलती है.
आपको कभी भी किसी श्रमिक, गरीब, जीव-जंतु या असहाय को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए. इससे शनि की साढ़े साती और भी प्रबल हो सकती है.
शनिवार की साढ़े साती के प्रभावों में कमी करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें और महादेव की आराधना करें.
यह कर सकते हैं उपाय
- काले कुत्ते को रोटी खिलाएं और पालें.
- मछलियों को दाना या चावल डालें.
- बहते पानी में चावल या बादाम डालें.
- शराब, मांस, और अंडे से परहेज़ करें.
- हर दिन कौवे को रोटी खिलाएं.
- शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें.
- शाम को पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरों को अपने हाथ से चाय वितरित करें.
- शनि देव के पैर की सबसे छोटी उंगली पर सरसों का तेल चढ़ाएं.
Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 11:48 IST