पितृ पक्ष का तीसरा दिन यानि तृतीया श्राद्ध आज 20 सितंबर 2024 को है. तृतीया तिथि का निर्माण शुक्ल पक्ष में तब होता है, जब सूर्य और चंद्रमा का अंतर 25 डिग्री से 36 डिग्री अंश तक होता है, वहीं कृष्ण पक्ष में तृतीया तिथि का निर्माण सूर्य और चंद्रमा का अंतर 205 से 216 डिग्री अंश तक होता है. तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी मानी गई हैं. इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. तृतीया तिथि में श्राद्ध अथवा तर्पण करने से शत्रुओं से भी छुटकारा मिलेगा, तृतीया तिथि को तीज भी कहते हैं. इस तिथि को साल में कई बार बहुत ही शुभ और मांगलिक कार्य होते हैं. हरतालिका तीज,अक्षय तृतीया जैसे पर्व भी इस तिथि में होते हैं. इसके अलावा भगवान विष्णु ने पृथ्वी को बचाने के लिए भी अपना तीसरा अवतार भाद्रपद माह की तीज तिथि में ही लिया था.
मूलांक 3 का इस तिथि से होता है गहरा संबंध.जिन जातकों का जन्म किसी भी माह की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है उनका मूलांक 3 होता है, ऐसे जातकों को तृतीया तिथि श्राद्ध के दिन अपने इस जन्म और पूर्व जन्म के पितरों का एवं गुरुजनों का स्मरण करके उनके नाम का एक देशी घी का दीप दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए.
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मूलांक 3 के लिए पितरों की कृपा पाने के उपाय
1- तृतीया तिथि के दिन गंगाजी या समुद्र में स्नान या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर आप स्नान कर सकते हैं.
2- आज के दिन आप ऋषि, तपस्वी, साधुओं, गुरुजनों एवं माता का आशीर्वाद लें, उन्हें भोजन, दक्षिणा आदि देकर उनकी कृपा प्राप्त करें.
3- स्नान के पानी में आप गंगाजल के साथ एक चुटकी हल्दी और केसर डालकर स्नान करें.
4- किसी तीर्थ अथवा धर्म स्थान में जाकर आप आज किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं एवं वस्त्र ,दक्षिणा आदि भेंट देकर आशीर्वाद लें.
ध्यान देने वाली बातें
इस दिन गृह कलह न करें. मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तिल, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि खाना वर्जित माना गया है. यदि कोई इनका उपयोग करता है तो पितर नाराज हो जाते हैं. इस दिन शराब पीना, मांस खाना, श्राद्ध के दौरान चरखा चलाना, मांगलिक कार्य करना, झूठ बोलना और ब्याज का धंधा करने से भी पितृ नाराज हो जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 07:24 IST