Bharani Nakshatra: किसी भी व्यक्ति की राशि और उसके जन्म के दिन का उसके जीवन पर खास महत्व होता है. उसी तरह व्यक्ति ने जिस नक्षत्र में जन्म लिया है, उस नक्षत्र का उस व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व और उसके विचारों पर प्रभाव देखने को मिलता है. जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसे जन्म नक्षत्र कहा जाता है. जानते हैं दूसरे नक्षत्र भरणी में पैदा होने वाले व्यक्ति की विशेषताएं और उनके व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में.
भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले होते हैं महत्वाकांक्षी: मंगल और शुक्र ग्रह के प्रभाव से एक तरफ जहां भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति ऊर्जावान, साहसी और महत्वाकांक्षी होता है, वहीं शुक्र के प्रभाव से वह सौंदर्य और कला का प्रेमी हो सकता है. भरणी नक्षत्र वाले व्यक्ति मध्यम कदकाठी के होते हैं. कई बार इनकी आंखें बेहद आकर्षक होती हैं.
स्वास्थ्य के मामले में होते हैं बेहतर : भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के सकारात्मक पहलू की बात करें तो ये सच बोलने वाले होते हैं. आमतौर पर ये बीमार नहीं होते यानी ये स्वस्थ रहते हैं. इनमें धार्मिक कार्यों के प्रति रुचि देखने को मिलती है. इनमें चित्रकारी और फोटोग्राफी के प्रति रुचि होती है.
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ग्रह खराब होने की स्थिति में व्यक्ति होता है क्रूर : भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के नकारात्मक पहलू की बात करें तो उनमें ग्रहों का प्रभाव देखने को मिलता है. यदि कुंडली में मंगल और शुक्र खराब स्थिति में हो तो व्यक्ति क्रूर, बुरे स्वभाव वाला और गलत संगत में रहने वाला होता है. वे मदिरा के शौकीन भी होते हैं.
ईमानदार और स्वाभिमान : भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों की बात करें तो ये लोग जिस काम को करने की ठान लेते हैं, उसे हर हाल में पूरा करते हैं. खर्च करने के मामले में ये जल्दबाजी नहीं करते और सोच-समझकर खर्च करते हैं. इसी तरह ये मौके का इंतजार नहीं करते बल्कि मौके की तलाश में रहते हैं. स्वभाव से ये ईमानदार और स्वाभिमानी होते हैं.
भरणी नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों की नकारात्मक बातें:
1. दूसरों की बातों पर जल्दी विश्वास करने वाले होते हैं.
2. महत्वाकांक्षी होते हैं और दूसरों से जल्दी ईर्ष्या भाव भी रखने वाले होते हैं.
3. मेहनती होते हैं, लेकिन असफलता से जल्दी घबरा जाते हैं.
भरणी नक्षत्र व्यवसाय और संबंधित क्षेत्र : इस जातक के लिए कोई स्थाई शुभ या अशुभ समय नहीं होता. 33 वर्ष के बाद उन्हें अपनी परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा. वह कुछ हद तक हरफनमौला है और किसी भी तरह की नौकरी में फिट बैठ सकता है, चाहे वह प्रशासन, व्यवसाय, खेल, संगीत, प्रदर्शन कला और विज्ञापन, या यहां तक कि ऑटोमोबाइल से संबंधित हो. वह एक अच्छा डॉक्टर या जज,रिसेप्शनिस्ट, खिलाड़ी, टूरिस्ट गाइड भी बन सकता है. तंबाकू का कारोबार उनके पक्ष में हो सकता है. यदि उसका व्यवसाय उसके घर के पूर्वी दिशा में स्थित है तो उसे निश्चित रूप से सफलता मिलेगी.
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भरणी नक्षत्र पद
भरणी नक्षत्र प्रथम चरण: भरणी नक्षत्र में जन्मे जातकों का पहला चरण सिंह नवांश में आता है, जिसका स्वामी सूर्य होता है. इस पाद के बारे में महत्वपूर्ण बात यह है कि जातक पूरी तरह से रचनात्मकता में लीन रहता है और उच्च कोटि की कलात्मक प्रतिभा रखता है. ये लोग बहुत स्वार्थी हो सकते हैं और अनजाने में दूसरों को चोट पहुँचा सकते हैं.
भरणी नक्षत्र दूसरा चरण: भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक का दूसरा चरण कन्या नवांश में होता है और यह बुध द्वारा शासित होता है. इस नक्षत्र का ध्यान कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प पर है. इस पाद में जन्मा व्यक्ति परोपकारी होता है. जातक जानता है कि वह वास्तव में क्या कर रहा है, भले ही उसके चारों ओर अराजकता व्याप्त हो.
भरणी नक्षत्र तीसरा चरण: भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक का तीसरा चरण शुक्र द्वारा शासित तुला नवांश में पड़ता है. इन जातकों में विपरीत परिस्थितियों में सामंजस्य बैठाने की विशेष कला होती है. हालाँकि, यह संभावना है कि यह जातक बहुत अधिक सेक्स करेगा, और यह उसके लिए अच्छा है या बुरा यह इस बात पर निर्भर करता है कि जातक कितना परिपक्व है.
भरणी नक्षत्र चतुर्थ पद: भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक का चतुर्थ चरण वृश्चिक सूर्य राशि नवांश में पड़ता है, जो मंगल द्वारा शासित होता है. जातक ऊर्जा से भरपूर होंगे, और वे अत्यधिक उत्पादक हो सकते हैं, और कुछ मूल्यवान खोज भी कर सकते हैं. हालाँकि, जातक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग गैर-विनाशकारी और विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए.
उपाय : लक्ष्मी नारायण मंत्र का जाप करें, भगवान विष्णु को गुलाब जल और गुलाब की पंखुड़ियां अर्पित करें, अपने नहाने के पानी में गुलाब जल और गुलाब की पंखुड़ियाँ मिलाए.
Tags: Astrology
FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 15:53 IST