Friday, November 22, 2024
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इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक बनते हैं राजनेता या एक्टर, बिजनेस में हासिल करते हैं सफलता! जानें इनकी खास बातें

Ashlesha Nakshatra : आश्लेषा नक्षत्र से संबंधित देवता नाग हैं. यह नक्षत्र आकस्मिकता से जुड़े होने के कारण लोगों को हैरान करने की क्षमता रखता है. इन जातकों में दुर्घटना की आशंका भी होती है. इस नक्षत्र का स्वामी बुध होता है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर बुध का प्रभाव देखने को मिलता है. बुध के प्रभाव के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों की वाणी काफी मधुर होती है. इस कारण इनकी बातों से लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. ऐसे लोग अपने दोस्तों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. आश्लेषा नक्षत्र के जातक अत्यधिक अहंकारी होते हैं. इस नक्षत्र के चार चरणों के अलग-अलग प्रभाव होते हैं.

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  1. प्रथम चरण इस नक्षत्र का पहला चरण धनु नवांश में आता है और बृहस्पति द्वारा शासित होता है. इस चरण में जन्म लेनेवाले जातक देखभाल करने वाले और भावुक होते हैं. यह लोग अकसर दूसरों की भलाई करने के लिए तत्पर रहते हैं.
  2. द्वितीय चरण इसका दूसरा चरण मकर नवांश में आता है और शनि द्वारा शासित होता है. इस चरण में जन्मे लोग चतुर होते हैं. यह लोग अपने फायदे के लिए दूसरों का इस्तेमाल करने से नहीं चूकते.
  3. तृतीय चरण इसका तीसरा चरण कुंभ नवांश में आता है और शनि द्वारा शासित होता है. इस चरण में जन्म लेनेवाले बहुत ही रहस्यमयी होते हैं.
  4. चतुर्थ चरण इस नक्षत्र का चौथा चरण मीन नवांश में आता है और बृहस्पति द्वारा शासित होता है. इस चरण में पैदा हुए लोग कुछ भी गलत होने की जिम्मेदारी खुद ले लेते हैं.

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ज्योतिष के मुताबिक, आश्लेषा नक्षत्र से जुड़ी कुछ बीमारियां ये हो सकती हैं:
आश्लेषा नक्षत्र : जातक की दुर्बल देह प्राय: रोगग्रस्त बनी रहती है, देह के सभी अंगों में पीड़ा, विष प्रभाव या प्रदूषण के कारण कष्ट, वात व्याधि (वायु रोग), कुक्षिशूल, सर्वांगपीड़ा, तेज बुखार, सिरदर्द, संक्रामक रोग, उदर रोग, मुख रोग, नेत्र रोग, अतिसार, विषूचिका, मूत्रकृच्छु, और संग्रहणी.

अश्लेषा नक्षत्र के लिए उपाय : नाग पंचमी पूजन करें, पटोल की जड़ बांधने से लाभ होता है.

अश्लेषा नक्षत्र के लिए उपयुक्त प्रोफेशन :
 इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के करियर की बात करें तो राजनीति का क्षेत्र भी इनके लिए अच्छा होता है. वैसे ये एक अच्छे लेखक भी बन सकते हैं और एक्टर भी. कला और वाणिज्य का क्षेत्र भी इनके लिए अच्छा होता है. वैसे नौकरी की बजाय व्यापार करना इन्हें फलता है. इसी तरह कीटनाशक, योग ट्रेनर, पर्यटन, जर्नलिज्म, नर्सिंग आदि का क्षेत्र में इनके लिए अच्छा होता है.

अश्लेषा नक्षत्र के पुरुष और महिलाओं के लक्षण: 
अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुषों और महिलाओं के लक्षण अलग-अलग तरह के होते हैं. पुरुषों की बात करें तो वे किसी ईमानदारी का दिखावा करते हैं और किसी का एहसान नहीं मानते हैं. हालांकि, वे चरित्रवान होते हैं.

इस नक्षत्र की महिलाओं की बात करें तो ये चरित्रवान और शर्मीली होती हैं. कुंडली में अश्लेषा नक्षत्र में मंगल हो तो महिलाएं सुंदर होती हैं. ये हर कार्य में निपुण होती हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha


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