Navratri 2024 4th Day Upay: नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा आराधना की जाती है. नवरात्रि में मां कूष्माण्डा की साधना-आराधना करने से माता अपने भक्तों को असाध्य से असाध्य रोगों से मुक्ति और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. देवी कूष्मांडा रिद्धि-सिद्धि को देने वाली मां हैं. मां दुर्गा का ये स्वरूप अपने भक्त को आर्थिक ऊंचाईयों पर ले जाने में निरन्तर सहयोग करने वाला है. इस मां के आशीर्वाद से आर्थिक स्थितियां मजबूत होती हैं. साथ ही घर से दरिद्रता दूर होती है. देवी कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं इसलिए यह अष्टभुजा देवी भी कहलाती हैं. देवी कूष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं. देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है. उदराग्नि को शांत करती हैं. इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें. देवी कवच को पांच बार पढ़ना चाहिए.
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मूलांक 4 वालों के लिए विशेष है यह दिन
माता की पूजा और भोग में यह पढ़ें मंत्र
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे
सरल मंत्र- ‘ॐ कूष्माण्डायै नम:।।’
मां कूष्मांडा की उपासना का मंत्र-
देवी कूष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है- कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम
मंत्र: या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है, या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ. हे मां, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें.
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मूलांक 4 वाले जातक करें ये उपाय :
1. माता कूष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए. इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है. और इस अपूर्व दान से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है.
2. मूलांक 4 वाले जातक मां को पेठे, दही और हलवे का भोग लगा सकते हैं.
ऐसे निकालें मूलांक
जिस तरह हर व्यक्ति के नाम के अनुसार राशि होती है, उसी तरह उस व्यक्ति की जन्म तारीख से उसके जन्म का अंक यानी जन्मांक होता है, जिसको मूलांक कहते हैं. इसको अंग्रेजी में ड्राइवर नंबर या पर्सनेलिटी नंबर भी कहते हैं. हर ग्रह का एक नंबर होता है, जो आपके मूलांक के रूप में उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. अंक शास्त्र के अनुसार, अपने नंबर निकालने के लिए आप अपनी जन्म तिथि, महीने और वर्ष को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, वही आपका भाग्यांक होगा और जन्म तारीख अंकों को जोड़ने पर उस जातक का मूलांक प्राप्त होता है. उदाहरण के तौर पर किसी भी महीने के 4, 13, 22, 31 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 4 होगा.
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FIRST PUBLISHED : October 6, 2024, 11:28 IST