Saturday, November 23, 2024
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विवाह में हो रही देरी या बच्चा है जिद्दी, मंगल दोष हो सकता है बड़ा कारण, जान लें 5 आसान उपाय

Mangal Dosh Upay: अक्सर लोग विवाह के लिये परेशान होते हैं और उन्हें बताया जाता है कि उनकी कुंडली में मंगल दोष है. कुंडली में मौजूद मंगल दोष बनाता है ज़िद्दी और ग़ुस्सैल, साथ ही वैवाहिक जीवन में भी करता है दिक़्क़त. आज हम आपको मंगल दोष के बारे में विस्तार से बताएंगे और साथ ही इसके उपाय भी बताएंगे.

क्या होता है मंगल दोष
मंगल दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है, वह मांगलिक कहलाता है. जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8, 12 वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है.

मंगल विवाह में पैदा करता है अड़चन
जब किसी जातक की जन्म पत्रिका में मंगल दोष होता है तब उसके विवाह में बहुत अधिक दिक्कत आती है. कुंडली के 1,4,7, 8,12 भाव में मंगल मांगलिक दोष बनाता है, लेकिन जब मंगल 7वे भाव में हो तब ज़्यादा ही अशुभ माना जाता है. इस स्थिति में मंगल विवाह होने से लेकर वैवाहिक जीवन तक उथल—पुथल मचाता है.

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इन भावों में खराब माना जाता है मंगल
कुंडली में 2,7,8 भाव में मंगल ज़्यादा ख़राब होता है. ऐसा मंगल वाणी कठोर बनाता है, ज़िद्दी और ग़ुस्सैल भी बनाता है, साथ ही जातक और उसकी पत्नी की आयु भी कम करता है.

इस राशि में होता है मंगल अनिष्टकारी
कुंडली में जब मंगल कर्क राशि में हो, तब वह बहुत अधिक ख़राब परिणाम देता है. यदि कर्क राशि में मंगल हो और जातक के कुंडली में मांगलिक दोष हो तब मंगल अपनी दशा में मृत्युतुल्य कष्ट देता है. ऐसे व्यक्ति को अत्यधिक ग़ुस्सा अथवा पागलपन जैसे दौरे भी पड़ते हैं. यह व्यक्ति किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं होता है.

खुद भी समाप्त हो जाता है मंगल दोष
वर-कन्या में से किसी एक की कुंडली में मंगली दोष हो और दूसरे की कुंडली में यदि शनि लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश (1,4,7,8,12) भाव में हो तो मंगल दोष ख़ुद से समाप्त हो जाता है. उच्च या स्वराशि स्थित गुरु या शुक्र के लग्न में होने पर या सप्तम में होने पर एवं मंगल के बलहीन होने पर मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है.

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मंगल दोष दूर करने के 5 उपाय
1- 10 मंगलवार व्रत रखें एवं व्रत में नमक का सेवन ना करें. सिर्फ़ मीठा खाएं.

2- बहती हुई नदी में गुड़ बहाएं.

3- शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल चढ़ाएं.

4- मंगल देव की स्तुति करें एवं अपने वजन के दशांश के बराबर फल बंदरों को डालें.

5- कहीं भी कच्ची ज़मीन में शक्कर मिला हुआ जल चढ़ाएं एवं उस मिट्टी को माथे से लगाएं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


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