Friday, December 20, 2024
HomeReligionजादुई रत्न है मच्छ मणि, शनि, राहु के साथ कुंडली के दोषों...

जादुई रत्न है मच्छ मणि, शनि, राहु के साथ कुंडली के दोषों से करेगा रक्षा, जानें पहनने की विधि और अन्य फायदे

Machh Mani : मच्छ मणि मोती की तरह की एक रत्न है. यह एक प्रकार का गहना बनाने में उपयोग होती है और इसे ज्वेलरी, आभूषणों में शामिल किया जाता है. मच्छ मणि मुख्यतः समुद्री मछलियों के शरीर के अंदर होती है. चंदनी मेंढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, अदमान द्वीप, और कई अन्य क्षेत्रों में मच्छ मणि की प्राकृतिक भण्डार है. यह एक ऐसा रत्न है, जिसके अनेकों ज्योतिषीय लाभ भी हैं, इसको धारण करने से कई बुरे दोष के साथ घर या ऑफिस का वास्तु दोष भी कट जाता है. आइये विस्तार से जानते हैं मच्छ मणि के बारे में.

Vastu for Baby: अगर घर की इस दिशा में है वास्तु दोष तो संतान प्राप्ति में होगी बाधा, जानें इसके आसान उपाय

मच्छ मणि से जुड़ी पौराणिक कथा
रामायण में हनुमान जी के एक पुत्र मकरध्वज की कथा का वर्णन है. मकरध्वज का जन्म राहु काल में हुआ था. मकरध्वज एक मछली के गर्भ से पैदा हुआ था जो न केवल एक मछली थी बल्कि वह एक मां भी थी. इस मछली ने अपने बेटे मकरध्वज की राहु से रक्षा के लिए अपने सिर से मच्छ मणि पत्थर निकाल कर अपने पुत्र को सौंप दिया था.

मच्छ मणि कोई साधारण रत्न नहीं है बल्कि यह बहुत ही दुर्लभ मणि है. इसे पहनने वाले व्यक्ति को जीवन के हर प्रकार के तनाव से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन खुशहाल बनता है.

यह राहु बाधा निवारण के लिए अचूक उपाय है. मछलियों के अंदर कई रंग के पत्थर बनते हैं, जो बेशुमार धन और देवताओं का आशीर्वाद देते हैं. मच्छ मणि मछली की आंख की तरह होती है. इस मणि के प्रभाव से काला जादू बेअसर होता है, धन एवं स्वास्थ्य में वृद्धि होती है.

मच्छ मणि को धारण करने से आपके जीवन में प्यार और सम्मान आएगा. मच्छ मणि एक आंतरिक प्रकाश, आध्यात्मिक प्रभाव और स्मरण शक्ति के साथ आपके जीवन को प्रकाशमान करता है.

अभिमंत्रित मच्छ मणि के फायदे और नुकसान
जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा से भी अभिमंत्रित मच्छ मणि स्टोन रक्षा करता है. व्यापार में घाटा हो रहा है तो मच्छ मणि आपको नुकसान से बचा सकता है. वास्तु दोष के निवारण के लिए मच्छ मणि पहन सकते हैं. किडनी या पेट से संबंधित कोई रोग है तो मच्छ मणि जरूर पहनें. सौभाग्य, व्यापार में वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तित्व में सुधार, आकर्षण, अंतर्ज्ञान, यौन शक्ति में वृद्धि और ईर्ष्या को दूर करने में भी लाभदायक पायी गयी है .

भगवान विष्णु ने भी मत्स्य यानि मछली का अवतार लिया था और इस कारण से भी मछली से संबंधित वस्तुओं को बहुत शुभ माना गया है. यह मच्छ मणि सौभाग्य, व्यापार में वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तित्व में सुधार, आकर्षण, अंतर्ज्ञान, यौन शक्ति में वृद्धि और ईर्ष्या को दूर करने में भी लाभदायक पायी गयी है.

Mobile Negative Energy: आप भी मोबाइल पर लगाते हैं बच्चों का स्टेटस? हो जाएं सावधान! जान लेंगे नुकसान तो फिर नहीं करेंगे गलती

मच्छ मणि के अन्य लाभ :

  1. जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा से भी मच्छ मणि रक्षा करती है.
  2. यदि आपके व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है तो मच्छ मणि आपको लाखों के नुकसान से बचा सकता है.
  3. घर या ऑफिस में वास्तु दोष के निवारण के लिए मच्छ मणि पहन सकते हैं.
  4. हमेशा बीमार रहते हैं या आपको किडनी या पेट से संबंधित कोई रोग है तो मच्छ मणि जरूर पहनें.
  5. कुंडली में कालसर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष की वजह से व्यक्ति को अपने जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है. यह मच्छ मणि आपके कष्टों को दूर कर सकता है.

    मच्छ मणि स्टोन धारण विधि:
     शनिवार के दिन सुबह स्नान के बाद घर के पूजन स्थल में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके अभिमंत्रित मच्छ मणि धारण करना चाहिए.

राहु कि महा दशा/आंतर दशा चल रही हौं तो रात को एक कटोरे में मणि रख कर ऊस पर समुद्री नमक से भरें सुबह मणि को कच्चे दुध एवं गंगा जल से धो कर कलाई पर बांध लें, गायमाता को गुड एवं रोटी खिलायें, यदि हो सके तो मछली को खिलायें.

जन्मपत्री में राहु गोचर या दशा में पीड़ित होने पर व्यक्ति की मतिभ्रम, छल-कपट, झूठ बोलना, चोरी, तामसिक भोजन, ज्यादा नशा करना, षड्यंत्र, छिपे शत्रु, अनैतिक कर्म, आलस्य, नकारात्मक सोच व टोने टोटका, तंत्र मंत्र से पीड़ित होता है. ऐसे व्यक्ति को मच्छ मणि हाथ या गले मे बुधवार को मंत्र जाप कर धारण करनी चाहिए.

काला जादू जन्मपत्री में अशुभ योग, नजर दोष,व्यापार में रूकावट ईत्यादि के लिए रात को गंगा जल में रखे, सुबह को कच्चा दूध, शहद,घी और दहि के मिश्रण में रखें, गंगाजल से धोकर हनुमानजी के चरणों का सिंदुर से मस्तिष्क पर तिलक करें एवं ऊ हनुमंते नम: का 108 बार मंत्र जाप करें एवं धारण करें.

वास्तु दोष निवारण के लिए रात को कच्चे दूध में रखें, सुबह गंगा जल से धोकर शिवलिंग पर रखकर दूध एवं जल का अभिषेक करें, घरके मुख्य द्वार पर टांग दे.

जब भी हमे या बच्चो को घर के किसी कमरे या कोने मे अनजान वस्तु / छाया का अहसास हो, तो वहां पर कांच के बर्तन में दो मच्छ मणि पानी मे रखने से नरात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कुछ ही मिनटों मे हो जाएगा.

Tags: Astrology, Lord Hanuman


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular