Monday, October 21, 2024
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मूलांक से अलग होता है भाग्यांक, डेस्टिनी नंबर 1 वाले में होती हैं ये 4 खूबियां, जो दूसरों से बनाती हैं स्पेशल

कुछ जातकों को अपना मूलांक तो पता होता है लेकिन भाग्यांक की गणना कैसे करनी है, वो उन्हें जानकारी नहीं होती, जबकि मूलांक के साथ भाग्यांक भी जीवन में उतना ही प्रभावी होता है. जीवन की शुरुआत में मूलांक और युवावस्था से भाग्यांक एक्टिव हो जाता है. मूलांक और भाग्यांक दोनों अलग होते हैं. आइये जानते हैं कि भाग्यांक की गणना कैसे की जाती है?

क्या होता है भाग्यांक
भाग्यांक का उपयोग किसी भी जातक के जीवन में होने वाली घटनाओं की जानकारी के किया जाता है. भाग्यंक की गणना मूलांक की गणना से थोड़ी भिन्न एवं बड़ी होती है क्योंकि इसमें व्यक्ति की जन्म तारीख, जन्म महीना और साल तीनों को जोड़कर सिंगल डीजिट में जो अंक प्राप्त होता है वह जातक का भाग्यांक कहलाता है.

कैसे निकालते हैं भाग्यांक?
भाग्यांक को डेस्टिनी नंबर अथवा कंडक्टर नंबर या क्वीन नंबर भी कहा जाता है. यह आपकी पूरी जन्म तिथि के जोड़ पर आधारित होता है.

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जैसे 24-08-2003 का भाग्यांक 2+4+0+8+2+0+0+3= 19 और इसको जब एक अंक में ले जाएंगे तो इसका जोड़ 1 आएगा, इस प्रकार इस जातक का भाग्यांक 1 होगा.

यदि मूलांक और भाग्यांक दोनों फ्रेंडली हों तब इंसान जीवन में बहुत तरक्की करता है. अगर दोनों नंबर एक दूसरे के एंटी हुए तो जीवन में बहुत संघर्ष भी होता है.

भाग्यांक 1 वालों में होती हैं 4 खूबियां
अंक ज्योतिष के मुताबिक, जिन लोगों का भाग्यांक 1 है उनके अंदर कुछ खास विशेषताएं होती हैं.

1. भाग्यांक 1 वाले लोगों को जीवन में नेतृत्व करने का मौका अवश्य मिलता है.

2. भाग्यांक 1 वाले जातक काफ़ी होशियार होते हैं, इनकी बातें सदैव तार्किक होती हैं और स्वभाव से काफ़ी विनम्र होते हैं.

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3. ये लोग फॉरवर्ड होते हैं और किसी भी स्थान पर ये स्वयं पहल करना पसंद करते हैं और उसका नेतृत्व भी करते हैं.

4. भाग्यांक 1 वाले जातक कभी भी अपने लक्ष्य से भ्रमित नहीं होते और हमेशा ही अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक जुटे रहते हैं.

सलाह
⁠भाग्यांक 1 के जातक को भाग्यांक 1 के ही जातक से कभी शादी नहीं करनी चाहिए. इससे दोनों की ऊर्जा का आपस में टकराकर झगड़े का योग बनता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha


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