Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व भी है. इस दिन स्नान करके दीपदान करना काफी शुभ और पुण्य प्राप्ति करने वाला माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है. कष्ट भी दूर होते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा स्नान का महत्व : कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को 100 अश्वमेध यज्ञ करने का फल मिलता है.इस दिन स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी पाप धुल जाते हैं. इसलिए इस दिन गंगा, यमुनाजी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने की विशेष महिमा है. अगर नदियों में स्नान करना संभव न हो, तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है.
कार्तिक पूर्णिमा 2024 स्नान समय : कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को सुबह 6:19 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर 2024 को सुबह 2:58 बजे तक रहेगी. इस दिन सभी धार्मिक गतिविधियां जैसे स्नान, दान, उपवासी रहना और पूजा पाठ 15 नवंबर को ही की जाएंगी.
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कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये उपाय
स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य : स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें. इससे समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.
दान और सेवा : स्नान करने के बाद सबसे पहले गरीबों को फल, तिल, कपड़े और अन्य आवश्यक सामान दान करें. दान करने से पुण्य मिलता है और घर में खुशहाली आती है.
दीपदान करें : शाम को नदी, तालाब, मंदिर, आंगन, बालकनी या खुले आसमान के नीचे दीप जलाकर दीपदान करें. इससे घर में शांति और समृद्धि आती है.
तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं : कार्तिक पूर्णिमा की रात में तुलसी के पौधे के पास और घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर घी का दीपक जलाएं. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है.
ग्रहों को मजबूत करें : हर व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार उसकी किसी न किसी ग्रह की दशा चल ही रही होगी, यदि किसी व्यक्ति की कोई भी दशा उसको पीड़ा दे रही है तो कार्तिक पूर्णिमा पर उस ग्रह के उपाय करें.
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कार्तिक पूर्णिमा पर नवग्रह के उपाय
सूर्य : गंगा स्नान कर उसमें गुड़ बहाएं एवं तांबे का दान करें.
चंद्रमा : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें चावल और कच्चा दूध बहाएं.
मंगल : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें साबुत लाल मसूर दाल बहाएं.
बुध : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें हरी मूंग दाल अथवा नारियल बहाएं.
ब्रहस्पति : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें चना दाल एवं केसर और हल्दी बहाएं.
शुक्र : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें शुद्ध देशी घी बहाएं.
शनि : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें 86 बादाम एवं काले तिल बहाएं.
राहु : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें मूली, सरसों को बहाएं.
केतु : गंगा स्नान करने के पश्चात उसमें साबुत उड़द दाल, काली मिर्च और चमेली का तेल बहाएं.
Tags: Astrology, Kartik purnima
FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 05:12 IST