Best Diya Oil On Diwali: दिवाली के दिन घी या फिर तिल के तेल से मिट्टी का दीया जलाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. उनके प्रसन्न होने पर माता लक्ष्मी स्वतः प्रसन्न हो जाती हैं. त्याग और शक्ति के पर्व दिवाली पर दीपोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.शास्त्र में भी मिट्टी के दीये जलाने की ही चर्चा है. ऐसी मान्यता है कि घी के दीये जलाना सर्वोच्च माना गया है. इसके बाद तिल के तेल का स्थान बताया गया है. मिट्टी के दीये पंच तत्व का प्रतीक है. दीये को पानी व मिट्टी से बनाया जाता है जो भूमि तत्व व जल तत्व का प्रतीक है. दीये बनाने के बाद उसे धूप व हवा में सुखाया जाता है जो आकाश व वायु तत्व है.
तिल के तेल का दीपक : तिल के तेल का दीपक हमेशा कष्ट और समस्या निवारण के लिए इस्तेमाल होता है.इसके अलावा अगर आपके घर में आर्थिक तंगी चल रही है, तो आपको उससे भी मुक्ति मिलती है. तिल के तेल का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. साथ ही मानसिक शांति और भावनाओं की स्थिरता के लिए भी तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है.
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कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करता है तिल का दीपक : सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है. आपकी कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति मजबूत होता है, तो आपका भाग्य आपका साथ देता है और आप अपने कार्यक्षेत्र में सूर्य के समान ही तेजवान और गतिशील बने रहते हैं. इसके अलावा अगर आपके घर में आर्थिक तंगी चल रही है, तो आपको उससे भी मुक्ति मिलती है. तिल के तेल का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. साथ ही मानसिक शांति और भावनाओं की स्थिरता के लिए भी तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है. इससे कुंडली चंद्रमा ग्रह मजबूत होता है और आपके जीवन पर इसका शुभ प्रभाव पड़ने लगता है. इसके अलावा अगर आपकी राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है, तो उसका प्रभाव भी कम होता है.
गाय के घी का दीपक : पूजा और दीप जलाने के लिए गाय का घी सबसे अच्छा माना जाता है. लेकिन आजकल देसी घी के नाम पर जो बाजार में बिकता है वह देसी घी नहीं है. शुद्ध घी देशी नस्ल का होना चाहिए. यदि घी को वैदिक प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा से आध्यात्मिक रूप से एक्टिव हो जाता है, इस प्रकार कुल शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सद्भाव स्थापित होता है.
घी का दीपक अनाहत चक्रों को शुद्ध करता है. गाय के घी से दीपक जलाने से आस-पास के वातावरण में सकारात्मक स्पंदन आकर्षित होते हैं. इससे दरिद्रता भी दूर होती है और धन, परिवार के स्वास्थ्य में सुधार होता है. इससे देवी महालक्ष्मी की कृपा भी मिलेगी.
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पंच दीपम तेल का दीपक : घर से सभी बुराईयों को दूर करने और ज्ञान और स्वास्थ्य के लिए पंच दीपम तेल के दीपक को जलाने की सलाह दी जाती है. पंच दीपम तेल सही और शुद्ध अनुपात में 5 तेलों का मिश्रण होता है. इन 5 तेलों में से प्रत्येक का अपना महत्व है और शुद्धतम अर्थों में सही अनुपात में मिलाया जाना चाहिए. पंच दीपम तेल से दीपक जलाने सेआपके घर में सुख, स्वास्थ्य, धन, प्रसिद्धि और समृद्धि आती है. एक आदर्श पंच दीपम तेल में तिल का तेल या नारियल का तेल (35%), गाय का घी (20%), महुआ तेल (20%), अरंडी का तेल (15%) और नीम का तेल (10%) होना चाहिए, हालांकि यह बाजार में अन्य अनुपात में भी उपलब्ध होता है. यह दीपक जलाने के लिए गाय के घी के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ है.
दीयों को जलाने के लिए कृपया मूंगफली का तेल, सूरजमुखी का तेल, पाम ऑयल, वनस्पति तेल, राइस ब्रान तेल, सिंथेटिक तेल, कॉटन बीज का तेल आदि का उपयोग करने से बचें.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 14:27 IST