हरिद्वार. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोचर का सीधा संबंध सभी 9 ग्रहों और 12 राशियों से होता है. गोचर का अर्थ ग्रहों की चाल से हैं. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं. ग्रहों के गोचर का देश दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित समय में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का समय अलग-अलग होता है. जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता हैं.
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार ‘ग्रहों के राजकुमार’ बुध 10 अक्टूबर को सुबह 11:25 मिनट पर अपनी स्वराशि कन्या से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे. बुध तुला राशि में 29 अक्टूबर को रात 10. 44 बजे तक रहेंगे. उसके बाद ग्रहों के राजकुमार वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे. बुध ग्रह वाणी, मान-सम्मान, उज्जवल भविष्य, व्यापार, के कारक माने जाते हैं. बुध ग्रह के तुला राशि में प्रवेश करने से कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. बुध के गोचर से कुछ राशियों के जातकों को इस दौरान सतर्क रहना होगा.
मीन राशि : मीन राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर आकस्मिक हानि लेकर आ रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बुध ग्रह तुला राशि में प्रवेश करेंगे तब मीन राशि से बुध का गोचर अष्टम भाव में होगा और तुला राशि से छठे स्थान पर बुध का गोचर होने से जातकों को विशेष ध्यान रखना होगा. इस दौरान मीन राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी रहेगी. गोचर के समय बुध चतुर्थेश हो जाते है. चतुर्थ स्थान माता और संपत्ति का होने से जातकों का आकस्मिक धन खर्च होने का योग इस दौरान बना रहेगा.
उपाय: मीन राशि के जातकों को बृहस्पतिवार के दिन मछलियों को दाना देने से लाभ प्राप्त होगा. वही जातकों द्वारा इस दौरान किसी भी जलीय जीव को भोजन देने से बुध के गोचर में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
मेष और वृश्चिक राशि: मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह है. मंगल और बुध में शत्रुता होने की वजह से बुध ग्रह का यह गोचर मेष राशि और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं रहेगा. इस दौरान वृश्चिक राशि के जातकों को आकस्मिक धन हानि के योग बने रहेंगे. वहीं मेष राशि से सप्तम स्थान पर बुध का गोचर होगा. सप्तम स्थान पर बुध का गोचर होने से मेष राशि के जातकों का अपने जीवन साथी से विवाद हो सकता है और व्यापार में किसी मित्र या परिचित से आर्थिक नुकसान होने का योग बुध के गोचर से बन रहा है. बुध ग्रह का तुला राशि में गोचर 19 दिन तक रहेगा इसलिए आपको सावधानी पूर्वक पैसों का लेनदेन, व्यापार आदि करना होगा.
उपाय: वृश्चिक और मेष राशि के जातकों को इस दौरान पढ़ाई करने वाली कन्याओं को किताबें, पेंसिल, पेन आदि देने से लाभ प्राप्त होगा. जहां तक संभव हो कुंवारी कन्याओं को मंगलवार या बुधवार के दिन ही ये सामान दान करें.
तुला राशि: 10 अक्टूबर को बुध ग्रह कन्या राशि से तुला राशि में सुबह 11:25 पर प्रवेश करेंगे. बुध का यह गोचर तुला राशि में होगा और बुध ग्रह गोचर करने पर 12 वें घर के स्वामी हो जाएंगे. ज्योतिष शास्त्र में 12 वां घर नुकसान और हानि का होता हैं. यदि तुला राशि के जातक प्राइवेट या सरकारी नौकरी करते हैं तो उनके स्थानांतरण का योग बुध ग्रह के गोचर से बन रहा है.
उपाय: तुला राशि के जातक को इस दौरान बुधवार के दिन भगवान गणेश को मीठा भोग लगाने और उनके मंत्रो का जाप विधि विधान से करने पर लाभ प्राप्त होगा.
Note: बुध ग्रह के तुला राशि में गोचर करने से राशियों को होने वाले लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित शशांक शेखर शर्मा से उनके फोन नंबर 7895714521 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 12:40 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.