Asthma life: अस्थमा एक श्वसन रोग है जो फेफड़ों की वायुमार्गों में सूजन और संकीर्णता के कारण होता है. इससे सांस लेने में कठिनाई होती है, और यह दैनिक जीवन को प्रभावित करता है. अस्थमा के लक्षण जैसे सांस की कमी, घरघराहट, और खांसी किसी भी समय उत्पन्न हो सकते हैं, खासकर जब कोई व्यक्ति शारीरिक श्रम करता है या ठंडे मौसम में होता है.
अस्थमा के प्रभाव
1. कामकाज पर प्रभाव- अस्थमा के कारण शारीरिक श्रम करने में कठिनाई होती है, जिससे कामकाज प्रभावित हो सकता है. कई बार मरीजों को काम के दौरान अचानक अस्थमा का दौरा पड़ सकता है.
2. नींद पर प्रभाव- अस्थमा के लक्षण रात में अधिक बढ़ सकते हैं, जिससे नींद में खलल पड़ता है. नींद की कमी से दिनभर थकान और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है.
3. व्यायाम पर प्रभाव- अस्थमा वाले लोगों को व्यायाम के दौरान सांस की कमी महसूस हो सकती है, जिससे वे अपनी शारीरिक फिटनेस पर ध्यान नहीं दे पाते.
4. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव- लगातार अस्थमा के लक्षणों के कारण तनाव और चिंता हो सकती है. यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और व्यक्ति को सामाजिक गतिविधियों से दूर कर सकता है.
अस्थमा के घरेलू उपचार
1. अदरक- अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. अदरक की चाय पीने से श्वसन तंत्र को आराम मिलता है और सूजन कम होती है.
2. शहद- शहद के सेवन से गले में जमा बलगम को साफ किया जा सकता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है. शहद को गरम पानी में मिलाकर पीने से भी लाभ होता है.
3. तुलसी- तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं. रोज़ाना तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है.
4. हल्दी- हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है. गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से अस्थमा के लक्षणों में आराम मिलता है.
5. भाप लेना- गर्म पानी की भाप लेने से नाक और फेफड़ों की जकड़न कम होती है और बलगम निकलने में आसानी होती है.
अस्थमा का असर दैनिक जीवन पर कई तरीकों से पड़ता है, लेकिन सही देखभाल और घरेलू उपचारों से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है. हालांकि, अस्थमा के गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.
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