Ashtami Durga Puja 2024 Date: मां दुर्गे के पवित्र दिन नवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है. इन 9 दिनों में मां के 9 स्वरूपों की विधि विधान से पूजा की जाती है. इसके बाद अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है. इस दिन लोग पूरी नवरात्रि व्रत रखकर माता दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं और हर एक दिन कन्या पूजन करते हैं. दरअसल, कन्याओं को माता दुर्गा का स्वरूप माना गया है. माना जाता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. हालांकि, इस बार नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर थोड़ी आसमंजस बनी हुई है. ऐसे में सवाल है कि आखिर अष्टमी कब है? कन्या पूजन का क्या है शुभ मुहूर्त? इस बारे में News18 को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-
इस दिन रखा जाएगा अष्टमी का व्रत
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि में इस बार 3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हुई है. इसका समापन 12 अक्टूबर को होगा. इसके बाद से दशमी तिथि लगेगी. ऐसे में अष्टमी का व्रत पूजन करने वालों के लिए 11 अक्टूबर शुभ रहेगा. वहीं, नवमी व्रत करने वालों को 12 अक्टूबर कुछ ही समय मिलेगा.
व्रत-पूजन का क्या है शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस साल अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर दोपहर 12:23 बजे शुरू हो रही है और अगले दिन 11 अक्टूबर सुबह 06:52 बजे समापन होगा. वहीं नवमी तिथि 11अक्टूबर सुबह 06:52 बजे के बाद शुरू हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी 12 अक्टूबर भोर 05:12 बजे तक रहने वाला है. इसके बाद ही दशमी तिथि प्रारम्भ हो रही है. पंचांग के अनुसार, अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर रखना अधिक शुभ होगा. इसी दिन सुबह 06:52 बजे के बाद हवन आदि भी कर सकते हैं.
कन्या पूजन का उत्तम समय
नवरात्रि के नौ दिन में हर एक दिन कुंवारी कन्या का पूजन करने का विधान है. कन्या के पूजन से घर में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं. साथ ही आदिशक्ति स्वरूप माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं. जो लोग हर रोज कन्या पूजन नहीं कर सकते हैं. उन्हें नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि में 9 कन्या का पूजन अवश्य करना चाहिए. इस बार अष्टमी पर कन्या पूजन का शुभ समय 09 बजे से लेकर 10 बजे के बीच है.
ऐसे दें कुंवारी कन्याओं को विदाई
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कन्या पूजन के बाद कन्याओं को ऐसे ही विदा न कर दें. सभी कुंवारी कन्या को पूजन के बाद पान खिलाएं. उसके बाद फल और दक्षिणा जरूर दें. साथ में शृंगार का सम्मान लाल चुनरी अर्पण करके ही विदा करें. ऐसा करने से माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में सुख समृद्धि की विधि होती है.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 10:17 IST