Sunday, October 20, 2024
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आषाढ़ पूर्णिमा पर करें 3 उपाय, नाराज पितर होंगे खुश, लक्ष्मी कृपा से धन से भर जाएगी तिजोरी!

Ashadha Purnima Ke Upay:आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत 20 जुलाई दिन शनिवार को है, जबकि आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान और दान 21 जुलाई को होगा. पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 20 जुलाई को 05:59 पीएम से शुरु होगी और यह तिथि 21 जुलाई दिन रविवार 03:46 पीएम तक रहेगी. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आप कुछ आसान उपायों को करके अपने पितरों को खुश कर सकते हैं और माता लक्ष्मी की भी कृपा पा सकते हैं. आषाढ़ पूर्णिमा के इन उपायों से आपकी तिजोरी भर सकती हैं, धन और दौलत में बढ़ोत्तरी हो सकती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं आषाढ़ पूर्णिमा के किए जाने वाले उपायों के बारे में.

आषाढ़ पूर्णिमा के ये उपाय बदल देंगे किस्मत!

1. आषाढ़ पूर्णिमा व्रत के दिन आप संकल्प करके उपवास करें और प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करें. माता लक्ष्मी को पूजा के समय कमलगट्टा, कमल के फूल, लाल गुलाब, पीली कौड़ियां या फिर हल्दी लगी हुई सफेद कौड़ियां चढ़ानी चाहिए. ये माता लक्ष्मी की प्रिय वस्तुएं हैं.

इसके साथ ही देवी लक्ष्मी को मखाने की खीर, बताशे या फिर दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाएं. श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. माता लक्ष्मी से जुड़े इन उपायों को करने से धन, संपत्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है.

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2. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर पर ही स्नान कर लें. उसके बाद वस्त्र पहनें. अपने पितरों का स्मरण करके उनके लिए जल, काले तिल और कुश से तर्पण दें. कुश के अग्र भाग के पोरों से तर्पण देने से जल पितरों को प्राप्त होता है. इससे वे तृप्त होते हैं. तर्पण के समय आप कह सकते हैं कि हे पितृगण! आपको जल से तृप्त कर रहा हूं, आप सभी इससे तृप्त हों, प्रसन्न हों.

तर्पण के अलावा आप अपने पितरों के लिए घर पर भोजन बनाएं. फिर उसका कुछ अंश गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिला दें. मान्यता है कि ऐसा करने से वह भोजन पितरों को प्राप्त होता है. इससे वे तृप्त होते हैं. इसके अतिरिक्त आप पिंडदान, दान आदि कर सकते हैं. इन उपायों को करने से नाराज पितर भी प्रसन्न होते हैं. वे अपने वंश के सुखी जीवन, धन, धान्य, संतान सुख आदि का आशीर्वाद देते हैं.

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3. पूर्णिमा का संबंध चंद्रमा से है. इस रात चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होकर प्रकाशवान होता है. आषाढ़ पूर्णिमा व्रत की रात आप चंद्रमा को अर्घ्य दें. चंद्रमा को कच्चे दूध, पानी और सफेद फूल से अर्घ्य देना चाहिए. चंद्र देव की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है. चंद्रमा के बीज मंत्र का जाप करें.

किसी गरीब ब्राह्मण को चावल, चीनी, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, मोती, चांदी आदि का दान कर सकते हैं. चंद्रमा के शुभ प्रभाव से आपके जीवन में सुख और समृद्धि आएगी. मन शांत और स्थिर रहेगा. आप सही फैसले कर पाएंगे और तनाव नहीं होगा.

Tags: Astrology, Dharma Aastha


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