Sunday, October 20, 2024
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अपरा एकादशी पर पूजा समय पढ़ें व्रत कथा, मिलेगा भगवान विष्णु का आशीर्वाद, जानें मुहूर्त, पारण समय

इस साल अपरा एकादशी का व्रत आज 2 जून रविवार को है. यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखते हैं. इस दिन गृहस्थ लोग अपरा एकादशी का व्रत रखकर भगवान त्रिविक्रम की पूजा करेंगे. भगवान विष्णु के वामन अवतार को भगवान त्रिविक्रम के नाम से भी जानते हैं. व्रत वाले दिन आयुष्मान योग बन रहा है, जो दोपहर तक रहेगा, उसके बाद से सौभाग्य योग बनेगा. ये दोनों ही योग पूजा पाठ के लिए शुभ माने जाते हैं. भगवान विष्णु की पूजा के समय आपको अपरा एकादशी की व्रत कथा का पाठ या श्रवण जरूर करना चाहिए. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं अपरा एकादशी की व्रत कथा, पूजा मुहूर्त और पारण समय के बारे में.

अपरा एकादशी की व्रत कथा

भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर के निवेदन पर ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी व्रत की महिमा का वर्णन किया था. उन्होंने बताया कि इस व्रत को अपरा एकादशी या अचला एकादशी कहते हैं. जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है, उसे ब्रह्म हत्या, प्रेत योनि से मुक्ति मिल जाती है. वह विष्णु कृपा से मोक्ष का अधिकारी बन जाता है.

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एक नगर में महीध्वज नाम का राजा था. उसके छोटे भाई का नाम वज्र​ध्वज था, जो पापी व्यक्ति था. वह क्रूर, अपयश पाने वाला, अधर्म करने वाला था. वह महीध्वज के प्रति द्वेष रखता था. एक रात उसने अपने बड़े भाई महीध्वज की हत्या कर दी और शव को जंगल में एक पीपल के पेड़ के नीचे जमीन में दफन कर आया.

अकाल मृत्यु के कारण महीध्वज प्रेत बन गया और उस पीपल के पेड़ पर ही निवास करने लगा. वह आसपास बड़ा ही उपद्रव करता था. एक दिन उस स्थान से धौम्य ऋषि जा रहे थे. उन्होंने प्रेत बने राजा को उस पेड़ पर देखा. उन्होंने अपने तप के बल से महीध्वज के अतीत को जान लिया. उसके बाद उन्होंने उस प्रेत को पेड़ से नीचे उतार कर परलोक विद्या का ज्ञान दिया.

उस प्रेत को मुक्ति दिलाने के लिए धौम्य ऋषि ने अपरा एकादशी का व्रत रखा. विधि विधान से व्रत और पूजा करने के बाद धौम्य ऋषि ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि इस व्रत का पूरा पुण्य प्रेत बने राजा महीध्वज को मिल जाए. भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर अपरा एकादशी व्रत के पुण्य को महीध्वज को दे दिया, जिसके प्रभाव से वह प्रेत योनि से मुक्त हो गया. उसे एक दिव्य शरीर प्राप्त हुआ और वह स्वर्ग चला गया.

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इस तरह से जो भी व्यक्ति अपरा एकादशी का व्रत रखकर पूजा करता है, उसे पुण्य लाभ होता है. विष्णु कृपा से उसे भी मोक्ष मिल जाता है.

अपरा एकादशी 2024 मुहूर्त और पारण समय

ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ: 2 जून, रविवार, 05:04 एएम से
ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी तिथि का समापन: 3 जून, सोमवार, 02:41 एएम पर
विष्णु पूजा मुहूर्त: 05:23 एएम से 12:12 पीएम के बीच
अपरा एकादशी पारण समय: 3 जून, सुबह 08:05 एएम से 08:10 एएम तक

Tags: Apara ekadashi, Dharma Aastha, Lord vishnu


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