Piyush Goyal: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कल यानी बुधवार को दुनिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का भारत में एक अरब डॉलर के निवेश के ऐलान पर अचानक भड़क गए. दरअसल, पीयूष गोयल भारत में अमेजन के निवेश के ऐलान से नहीं भड़के, बल्कि वे उसकी एक कुत्सित चाल को समझ गए. अमेजन भारत में निवेश बढ़ा कर छोटे दुकानदारों के कारोबार को चौपट करके ई-कॉमर्स कारोबार में नुकसान की भरपाई का प्लान बनाया है.
भारत में अमेजन को घाटा क्यों हुआ?
भारत में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी के एक अरब डॉलर के नए निवेश के ऐलान पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दो टूक कहा कि अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी भारतीय अर्थव्यवस्था की कोई बड़ी सेवा नहीं कर रही है, बल्कि यहां भारत के छोटे दुकानदारों के कारोबार को चौपट कर घाटे की भरपाई कर रही है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत में अमेजन को भारी घाटा हुआ है. असल में उसे यह घाटा बाजार बिगाड़ने वाली बेहद कम कीमतों पर उत्पादों की बिक्री से हुई है. उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि इसका असर करोड़ों छोटे खुदरा विक्रेताओं पर पड़ता है.
अमेजन भारत में एक अरब डॉलर का निवेश क्यों करेगी?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबारी मॉडल को लेकर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि जब अमेजन भारत में एक अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा करती है, तो हम जश्न मनाते हैं. हम यह भूल जाते हैं कि ये अरबों डॉलर भारतीय अर्थव्यवस्था की बड़ी सेवा या निवेश के लिए नहीं आ रहे हैं. कंपनी को उस साल अपने बही-खाते में एक अरब डॉलर का घाटा हुआ था और उन्हें उस घाटे की भरपाई करनी थी.
अमेजन 1000 करोड़ रुपये किस प्रोफेशनल को देती है?
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह घाटा पेशेवरों को 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने की वजह से हुआ था. मुझे नहीं पता कि ये पेशेवर कौन हैं? मुझे यह जानना अच्छा लगेगा कि कौन से चार्टर्ड अकाउंटेंट, पेशेवर या वकील 1,000 करोड़ रुपये पाते हैं? इतनी बड़ी रकम का भुगतान आप उन्हें रोकने के लिए सभी बड़े वकीलों को भुगतान नहीं करते हैं, ताकि कोई भी आपके खिलाफ मुकदमा न लड़ सके.
ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में ग्राहकों को सीधे कारोबार क्यों नहीं कर सकतीं?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अचरज जताते हुए कहा कि एक साल में 6,000 करोड़ रुपये का घाटा होने से क्या कीमतों को बेहद कम रखने के संकेत नहीं मिल रहे हैं? यह सिर्फ एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है और उन कंपनियों को सीधे ग्राहकों को बेचने (बी2सी) की अनुमति नहीं होती है. सरकार की ओर से लागू की गई नीति के मुताबिक, कोई भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भारत में सीधे ग्राहकों के साथ यानी बी2सी कारोबार नहीं कर सकता है.
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