रिपोर्टर महिमा जैन
Akshaya Tritiya 2024: सालों से अक्षय तृतीया की तारीख सबसे बड़े वैवाहिक सावे की तारीख के रूप में जानी जाती है. अक्षय तृतीया पर इतनी शादी होती हैं कि अक्सर लोग यही सोचते हैं कि कौनसी दावत में जाएं. इसे अबूझ मुहूर्त तिथि भी माना जाता है क्योंकि इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आखा तीज या अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है. यही वजह है कि जब भी किसी की शादी का सही मुहूर्त नहीं निकलता, तो अक्सर अक्षय तृतीया या आखा तीज पर उनकी शादियों का मुहूर्त निकाला जा सकता है. इस साल अक्षय तृतीया 10 मई, 2024 को मनाई जा रही है. लेकिन 24 सालों में पहली बार ऐसा संयोग बन रहा है कि अक्षय तृतीया के दिन शादियां नहीं होंगी. इसके अलावा जो लोग गर्मी के मौसम में विवाह करने की सोच रहे हैं, उन्हें भी यह मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि मई और जून में भी विवाह मुहूर्त नहीं होंगे.
2 महीनों तक नहीं हो सकेंगी शादियां
बिना पंचांग देखे शुभ कार्य संपन्न किए जाने वाला अबूझ महामुहूर्त, अक्षय तृतीया को माना जाता है. लेकिन इस बार अक्षय तृतीया के दिन विवाह का कारक ग्रह माने जाने वाले शुक्र और गुरु तारा अस्त होने से विवाह मुहूर्त नहीं है. ज्योतिषचार्य अमित व्यास ने बताया इससे पहले सन 2000 में भी ऐसा ही संयोग बना था. अंग्रेजी वर्ष के अनुसार 23 अप्रैल से 29 जून तक शुक्र तारा अस्त रहेगा. इसी बीच गुरु तारा 6 मई से 2 जून तक अस्त रहेगा. गुरु व शुक्र तारा अस्त होने से शुभ संस्कार नहीं किए जाएंगे. विवाह के लिए गुरु व शुक्र के तारे का उदित होना आवश्यक है. इन दोनों में से किसी एक तारे के भी अस्त रहने पर विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं.
मई में गुरू तो जून तक शुक्र तारा अस्त
ज्योतिषाचार्य अमित व्यास ने बताया कि खास बात यह है कि जो लोग गर्मी के मौसम में विवाह करने की सोच रहे हैं, उन्हें यह मौका नहीं मिलेगा. मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे. इसकी वजह इन दोनों माह में शुक्र और गुरू ग्रह का अस्त होना है. इसके उदित होने के बाद जुलाई में ही मुहूर्त शुरू होंगे. 24 वर्ष बाद मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा. इसकी वजह दोनों महीनों में शुक्र ग्रह का अस्त होना है. शुक्र उदित होने के बाद जुलाई में ही विवाह मुहूर्त शुरू होंगे. शुक्र का तारा उदित होने के बाद 9 जुलाई से एक बार फिर विवाह समारोह की धूम शुरू होगी. जुलाई में क्रमशः 9 ,11, 12, 13 व 15 जुलाई विवाह की तारीख हैं. इनमें अपने चंद्र बल व गुरु बल की गणना से विवाह के लिए तारीख का चयन किया जा सकता है.
ये हैं विवाह के शुभ मुहूर्त
जुलाई: ,9 से 15 (8 दिन),
अक्टूबर: 3,7,17,21,23,30 (6 दिन),
नवंबर: 16 से 18, 22 से 26,28 ( 9 दिन),
दिसंबर: 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)
Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Gold
FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 14:13 IST