अक्षय नवमी या आंवली नवमी का पावन पर्व 10 नवंबर रविवार को है. उस दिन रवि योग, ध्रुव योग और धनिष्ठा नक्षत्र बन रहा है. इस साल अक्षय नवमी के दिन पूजा के लिए 5 घंटे 25 मिनट का शुभ मुहूर्त है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन ही द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था. कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन की परिक्रमा की थी, उसके बाद कंस का वध किया. वहीं भगवान विष्णु ने राक्षस कुशमांड का संहार किया था. इस वजह से भी अक्षय नवमी का महत्व है. अक्षय नवमी के अवसर पर आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं अक्षय नवमी के पूजा मुहूर्त और उस दिन किए जाने वाले जरूरी कार्यों के बारे में.
अक्षय नवमी 2024 पूजा मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ: 9 नवंबर, शनिवार, रात 10:45 बजे से
कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि की समाप्ति: 10 नवंबर, रविवार, रात 9:01 बजे पर
अक्षय नवमी पूजा मुहूर्त: सुबह 6 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक
अक्षय नवमी पूजा का कुल समय: 5 घंटे 25 मिनट तक
रवि योग: 9 नवंबर, सुबह 10:59 बजे से 11 नवंबर को सुबह 6:41 बजे तक
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अक्षय नवमी पर जरूर करें ये 4 काम
1. आंवले के पेड़ की पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु और महादेव का वास होता है. इस वजह से अक्षय नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है. इससे व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
2. आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना
अक्षय नवमी के अवसर पर आंवले के पेड़ के नीचे परिवार के साथ बैठकर भोजन करना चाहिए. प्रसाद के रूप में आंवले का सेवन करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से उत्तम सेहत की प्राप्ति होती है क्योंकि आंवले के पेड़ से अृमत की बूंदें टपकती हैं. भोजन पूर्व दिशा में मुख करके करना चाहिए.
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3. आंवले के पेड़ के पास पितरों का तर्पण
अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के पास अपने पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. इसके लिए आप जल और काले तिल से कुशा के पोरों की मदद से तर्पण करें. ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं और खुश होकर आशीर्वाद देते हैं.
4. अक्षय नवमी पर दान
अक्षय नवमी को पूजा के बाद आपको अन्न, वस्त्र, कंबल आदि का दान करना चाहिए. यह दान आप अपने पितरों के निमित्त भी कर सकते हैं. इससे व्यक्ति को पुण्य लाभ होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 11:10 IST