Air India-Vistara merger: टाटा समूह ने एयर इंडिया और विस्तारा के विलय के लिए कमर कस लिया है. इसके तहत सोमवार को एयर इंडिया और विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन और विनोद कन्नन ने दोनों कंपनियों के कर्मचारियों के साथ बातचीत की. इस बैठक के बाद यह खबर निकलकर सामने आई कि एयर इंडिया और विस्तारा के विलय प्रक्रिया के तहत उनके 7,000 कर्मचारियों के काम का मूल्यांकन कर लिया गया है और जून में उन्हें काम का बंटवारा कर दिया जाएगा. हालांकि, इन दोनों कंपनियों में फिलहाल 23,500 कर्मचारी कार्यरत हैं.
हो चुका है 7000 कर्मचारियों के काम का मूल्यांकन
एयर इंडिया और विस्तारा के सीईओ कैंपबेल विल्सन और विनोद कन्नन के साथ करीब डेढ़ घंटे तक चली लंबी बातचीत में यह निष्कर्ष सामने आया कि इन दोनों विलय प्रक्रिया के तहत 7,000 कर्मचारियों के काम का बंटवारा जून 2024 में कर दिया जाएगा. कंपनी ने इन कर्मचारियों के काम का मूल्यांकन कर लिया है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, इस बैठक में कैंपबेल ने कहा कि 7,000 से अधिक कर्मचारियों का मूल्यांकन किया गया है और उनकी भूमिका एवं जिम्मेदारियों का निर्धारण जून में पूरा कर लिया जाएगा. इनमें चालक दल भी शामिल होंगे.
प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों की आवाजाही जारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि विस्तारा और एयर इंडिया के बीच करीब 120 पायलट पहले से ही प्रतिनियुक्ति पर हैं और प्रतिनियुक्ति के माध्यम से दोनों एयरलाइंस के बीच कर्मचारियों की आवाजाही जारी रहेगी. सूत्रों ने कहा कि निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक वैश्विक परामर्श फर्म की मदद से संगठन संरचना को अंतिम रूप दिया गया है. संगठन संरचना तय करते समय अगले कुछ वर्षों में बेड़े के विस्तार, नेटवर्क विकास और बढ़ी हुई सेवा की योजनाओं को भी ध्यान में रखा गया है.
कंपनी ने कर्मचारियों को दिया आश्वासन
दोनों एयरलाइंस के प्रमुखों ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि नई संरचना में उनकी नियुक्ति या कार्य-निर्धारण योग्यता और क्षमता के आधार पर किया जा रहा है. इस विलय के लिए मुख्य एकीकरण अधिकारी बनाए गए विनोद कन्नन ने एकीकरण की प्रक्रिया और विलय की दिशा में अबतक किए गए कार्यों का जिक्र किया है. सूत्रों ने कहा कि कर्मचारियों को विलय के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए आने वाले दिनों में विभागवार बैठकें भी आयोजित की जाएंगी.
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2022 में की गई थी विलय की घोषणा
टाटा समूह के नियंत्रण वाली दोनों एयरलाइंस के विलय की घोषणा नवंबर, 2022 में की गई थी. सौदा पूरा होने के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी. विस्तारा, सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह का संयुक्त उद्यम है. विलय को भारत में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी का इंतजार है. इस साल मार्च में सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीसीएस ने प्रस्तावित विलय को सशर्त मंजूरी दे दी थी. सितंबर, 2023 में सौदे को कुछ शर्तों के अधीन भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से भी मंजूरी मिल गई थी.
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