अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है.महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं.
Ahoi Ashtami 2024 Upay : हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 24 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जा रहा है. इसमें सुबह से शाम तक का उपवास होता है और शाम को आकाश के तारों को देखने के बाद व्रत पूरा किया जाता है. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में महिलाएं चांद देखने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. यह व्रत महिलाएं संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं.
अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है. वहीं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, व्रती को पूजा के दौरान माता को उनका प्रिय भोग जरूर लगाना चाहिए. इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है और संतान के भाग्य का उदय होता है. कौन से हैं प्रिय भोग? आइए जानते हैं.
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1. सूजी का हलवा
जिस प्रकार मां दुर्गा को हलवा पसंद है, वैसे ही आप माता पार्वती को भी हलवे का भोग लगा सकते हैं. लेकिन इसमें किसी तरह के कलर का उपयोग ना करें क्योंकि सूजी सफेद रंग की होती है, जो शुद्धता और शांति का प्रतीक है. ऐसे में जब आप इस हलवे का भोग माता को लगाती हैं तो आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
2. बताशे
आपने पूजा में बताशे अर्पित कई देवी-देवताओं को अर्पित किए होंगे, लेकिन जब आप अहाई अष्टमी के दिन माता पार्वती को बताशे का भोग लगाती हैं तो माता प्रसन्न होती हैं और आपको संतान सुख की प्राप्ति होती है. खासतौर पर जब आपकी कोई संतान नहीं है और संतान चाहती हैं तो जरूर बताशे का भोग इस दिन लगाएं.
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3. दूध-भात
पंडित जी के अनुसार, दूध और चावल दोनों ही शुद्ध और पवित्र माने जाते हैं. वहीं इनका उपयोग किसी भी पूजा में होते हुए आपने देखा होगा. इन दोनों से बनी खीर का भोग भी माता को लगाया जाता है और खास तौर पर माता पार्वती को दूध-भात बेहद पंसद है. ऐसी मान्यता है कि यदि आप माता को यह भोग लगाते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और संतान सुख मिलता है. वहीं यदि संतान है तो उसके भाग्योदय के योग प्रबल होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 15:13 IST