Chandrama and Rahu in the Kundali: हम सभी के जीवन में संघर्ष, असफलता, जरूरत से ज्यादा मेहनत जैसी सभी परिस्थितियां आती हैं. मगर कुछ लोग संघर्ष के दौर में और भी ज्यादा मेहनती हो जाते हैं और अपने कर्म से भाग्य को बदलने का प्रयास करते हैं. जबकि वहीं कुछ लोग मेहनत और परेशानियों से घबराकर शराब के नशे की लत में डूब जाते हैं. अक्सर हम किसी व्यक्ति की शराब आदि कि लत के पीछे बुरी संगति का दोष मानते हैं. लेकिन क्या आप जातने हैं कि ऐसा ग्रहों की अशुभ चाल की वजह से भी हो सकता है. आपके जीवन के कष्ट ही नहीं, बल्कि परेशानियों में आप जिन गलत रास्तों को चुनते हैं, उसके पीछे भी ग्रहों की चाल होती है. सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में जब शुभ ग्रह की दशा चलती है तो ग्रह की किरणों द्वारा मनुष्य के शरीर तथा औरा में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. लेकिन वहीं अगर चंद्रमा और राहु ग्रहों की दशा अशुभ अवस्था में हों तो व्यक्ति जुआरी, व्यभिचारी और शराबी हो जाता है.
शनि, शुक्र और मंगल की युति कराती है अवैध संबंध
एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी कहते हैं कि अगर कुंडली के पंचम भाव में शनि, शुक्र और मंगल की युति हो जाए तो निश्चित तौर पर व्यक्ति अवैध संबंधों की ओर आकर्षित होने लगता है. कुंडली में लग्न स्थान यानी पहले भाव में चंद्र की स्थिति और छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी और राहु के प्रभाव से व्यक्ति नशेड़ी बनता है. महत्वपूर्ण अवसरों पर गलत फैसले लेना कुंडली में कमजोर चंद्रमा की निशानी होती है. यदि ज्योतिषीय उपाय नहीं किए जाएं तो व्यक्ति मानसिक रोगी भी हो सकता है. इसी तरह मंगल के अशुभ प्रभाव व्यक्ति को अभिमानी बनाता है और अकारण क्रोध करने लगता है.
तलाक तक करा देता है राहु-केतु
किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति खराब होने पर उसे बीमारियां घेर लेती हैं. इसके अलावा ऐसा भी होता है कि व्यक्ति गंभीर दुर्घटना का शिकार हो बिस्तर पकड़ लेता है. राहु की दशा खराब होने पर व्यक्ति को पैनिक अटैक आते हैं. दोस्त मुंह फेर लेते हैं और दुश्मनों की संख्या बढ़ने लगती है. राहु के साथ केतु की स्थिति खराब होने का असर वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है. इससे जीवन में गलतफहमियां होने पर नौबत पार्टनर से तलाक की भी आ सकती है.
इन अचूक उपायों से खराब ग्रहों की दशा होगी शांत
ज्योतिषीय उपाय से कुंडली के खराब ग्रहों की दशा को शांत किया जा सकता है. प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए ग्रह संबंधी मंत्रों का जाप करना चाहिए. संतान की संगति सही हो इसके लिए अभिभावक संकल्प लेकर सोमवार के उपवास करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद गाय को आटा खिलाएं. पके हुए चावल में खांड मिलाकर कौओं को खिलाएं. पूर्णिमा के दिन मंदिर जाकर महादेव को खीर का भोग लगाएं. ऐसे करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होने लगेगा और व्यक्ति दुर्व्यसनों से दूर होने लगेगा.
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FIRST PUBLISHED : May 19, 2024, 18:25 IST