Wednesday, November 20, 2024
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shweta tripathi :श्वेता त्रिपाठी ने कहा मुझे कोएक्टर ताहिर से जलन होती है .. जानिए क्यों 

shweta tripathi:ये काली काली आंखें का दूसरा सीजन जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम करने जा रहा है. अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी इस सीरीज में शिखा की भूमिका में नजर आएंगी. मिर्जापुर के बाद एक और सीरीज के सीक्वल पर जुड़ने पर श्वेता बताती हैं कि बचपन में मैंने कभी भी परीक्षा का दबाव नहीं  लिया था. मुझे कभी अच्छे अंक भी नहीं मिलते थे. दरअसल मैं पढ़ाई में औसत थी ,तो ज्यादा मेहनत भी नहीं करती थी क्योंकि मैं पढ़ाई को एन्जॉय नहीं करती थी,लेकिन एक्टिंग मेरे लिए जुनून है, जब आप उन लोगों के साथ काम करते हैं, जिन्हें आप पसंद करते हैं, उदाहरण के लिए निर्देशक सिद्धार्थ सेनगुप्ता के सेट पर जाना मजेदार होता है क्योंकि बहुत सारी क्रिएटिविटी  सामने आती है, तो यहां रिपोर्ट कार्ड का इंतजार करने जैसा होता है. यह प्रक्रिया का एक हिस्सा है और आपको उम्मीद है कि दर्शकों को यह पसंद आएगा क्योंकि हमने इस पर कड़ी मेहनत की है.

दूसरे की शूटिंग से पहले पहले सीजन को देखती हूं

 सीक्वल से जुड़ने की तैयारी  के बारे में बात करते हुए श्वेता त्रिपाठी बताती हैं कि दूसरे सीजन की शूटिंग होने से पहले मैं पहले सीजन को देखती हूं. किरदार की  बॉडी लैंग्वेज और आवाज जानने के लिए देखना पसंद करती हूं क्योंकि क्योंकि शिखा की आवाज अलग है. मिर्जापुर के गोलू का बैठने का अंदाज़ अलग है. कुछ चीजें जो आप करते हैं, चाहे वह सीज़न एक या दो हो. वहीं से मैं अपने किरदार को आगे  बढ़ाती  हूं. अगर बदलाव होते भी हैं तो आपको उन्हें समझदारी से किरदार में मेल करना चाहिए क्योंकि एक्टर के रूप में हम बढ़ रहे हैं,लेकिन दर्शक भी ठगा हुआ महसूस नहीं करना चाहिए. ऐसे हर काम संयमित ढंग से होना चाहिए. आप यहां अति नहीं कर सकते. कभी-कभी मैं पिछले सीजन को देखते हुए  सिर्फ अपना ही नहीं हर किसी का परफॉर्मेंस देखना पसंद करती हूं. सच कहूं तो जब आप पिछला सीजन देखते  हैं तो आपको कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. वैसे नए सीजन में नयापन भी ढेर सारा होता है. इस सीजन  शिखा के बाथरूम में एक डेड  है. मैं असल जिंदगी में इसकी कल्पना भी नहीं कर सकती हूं. वैसे इस मौके पर आप ज्यादा सोच कर अपने नेचुरल परफॉरमेंस को अवरुद्ध कर लेते हैं. ऐसे सीन में मुझे कुछ सोचना पसंद नहीं है. बस सीन के साथ रियेक्ट करती हूं. 

ताहिर से जलन होती है

हम एक्टर्स से अक्सर प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछा जाता है. प्रतिस्पर्धा को लेकर मेरी सोच ये है कि यह शब्द आपको बताता है कि यही सफलता है. यदि आप एक निश्चित जगह में रहते हैं और आपके पास इतनी महंगी गाड़ियां है, कुलमिलाकर  यह शब्द आपको अंधा बनाने की कोशिश करता है और हम अंधे हो जाते हैं. इस प्रक्रिया में हम भूल जाते हैं कि हम एक्टर्स हैं.मैं वह नहीं चाहती हूं. मेरे लिए  महत्वपूर्ण यह है कि क्या मैं अपने स्किल पर काम कर रही हूं.अगर कल मुझे कोई भूमिका मिले तो मैं  क्या उसके साथ न्याय कर सकूंगी. प्रतिस्पर्धा तो नहीं लेकिन हां कभी कभी जलन होती है. मुझे मौक़ा मिला तो मैं उस  भूमिका निभाना पसंद करूंगी, जो ताहिर निभा रहे हैं. हम एक्ट्रेसेज को ऐसे रोल नहीं मिलते हैं. ऐसे में मुझे मेल एक्टर्स  द्वारा निभाए गए किरदारों से ईर्ष्या होती है.

दर्शकों का अटेंशन कम हो गया है

पिछले कुछ समय से ओटीटी कंटेंट वो प्रभाव नहीं ला पा रहा है, जैसे उनसे उम्मीद थी. इस तरह की चर्चाओं पर श्वेता कहती हैं  हमारा अटेंशन  का समय बहुत कम हो गया है. यह डरावना है कि लोग आसानी से विचलित हो जाते हैं और दर्शक सीरीज बदल देता है, तो कभी ओटीटी चैनल भी बदल देता है. यह लगभग मतदान जैसा है. दर्शक बहुत सारा कंटेंट चाहते हैं लेकिन वह उसको इत्मीनान से देखते नहीं है. अगर कुछ मिनटों में उनका ध्यान शो ने नहीं बांधकर रखा तो वह आगे बढ़ जाते हैं, जो कि बहुत ही गलत है. आप थोड़ा समय तो दीजिये.वैसे दर्शकों की रूचि को बनाये रखने के लिए मेकर्स से लेकर एक्टर्स सभी अलग अलग तरह का कंटेंट बनाने में जुटे हुए हैं.

मिर्जापुर पर फिल्म 

मिर्जापुर अब फिल्म के फॉर्मेट में आने जा रहा है. यह बात सबको पता है. कास्टिंग के बारे में मैं इतना ही कह सकती हूं. एक या दो एक्टर्स ही रिप्लेस होंगे बाकी की स्टारकास्ट वही रहेगी, जो सीरीज में है. इससे ज्यादा और मैं फिलहाल इस पर कुछ नहीं कह सकती हूँ. 



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