भगवान शिव के परिवार की पूजा में माता गौरी की पूजा करना ना भूलें. आषाढ़ के महीने में मां गौरी की पूजा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
Aashad Maas 2024 : हिन्दू धर्म में पूरे साल कई सारे व्रत-त्योहार आते हैं, जिनका अपना अलग विशेष महत्व होता है, इसलिए हिन्दू कैलेंडर के प्रत्येक माह का भी विशेष स्थान है. फिलहाल ज्येष्ठ का महीना खत्म होने वाला है और इसी के साथ शुरू होगा आषाढ़ माह. पंचांग का यह चौथा महीना भी पवित्र माह में से एक है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. आषाढ़ माह में किन देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है और कैसे इनकी आराधना करनी चाहिए, जिससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आए और परेशानियों से छुटकारा मिले. आइए जानते हैं इसके बारे में दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या.
भगवान विष्णु की पूजा
आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु का प्रिय माह भी कहा जाता है, इसलिए इस महीने में लोग अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा भी कराते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करन से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि जो भी व्यक्ति इस महीने में भगवान श्री हरि की भक्ति करता है, उसे नारायण लोक की प्राप्ति होती है. ऐसे में इस महीने में घर पर या मंदिर में जाकर भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए.
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शिव परिवार की पूजा
इस महीने में देवों के देव महादेव यानी कि भगवान शंकर के साथ पूरे शिव परिवार की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. आषाढ़ माह में शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद, बेलपत्र, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करना चाहिए. शिव जी पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. बता दें कि, शिव जी को शांति का देवता भी कहा गया है, ऐसे में उनकी पूजा से आपके मन को शांति मिलेगी. इसके साथ ही भगवान गणेश, कार्तिकेय और माता गौरी की पूजा भी करना चाहिए.
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मां गौरी की पूजा करें
भगवान शिव के परिवार की पूजा में माता गौरी की पूजा करना ना भूलें. आषाढ़ के महीने में मां गौरी की पूजा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. पूजा के दौरान मां को लाल रंग का वस्त्र, श्रृंगार का सामान, फल, फूल आदि अर्पित करने के साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन की समस्त परेशानियां दूर होंगी. मान्यता के अनुसार, माता गौरी की पूजा से जहां कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को सौभाग्य का वरदान मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 06:59 IST