आज का पंचांग, 5 दिसंबर 2024: इस बार मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी रवि योग में है. इस दिन मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी तिथि, उत्तराषाढा नक्षत्र, वृद्धि योग, विष्टि करण, दक्षिण का दिशाशूल और मकर राशि में चंद्रमा है. विनायक चतुर्थी का व्रत रखकर गणपति बप्पा की पूजा करते हैं. यह पूजा दिन में करते हैं और चंद्रमा का दर्शन वर्जित होता है. विनायक चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त दिन में 11 बजकर 09 मिनट से है. पूजा के समय ही रवि योग भी होगा. रवि योग सुबह 7 बजे से है. शुभ समय में आप गणेश जी की स्थापना करें. फिर अक्षत्, फूल, धूप, दीप, दूर्वा, सिंदूर, यज्ञोपवीत, चंदन, मोदक आदि अर्पित करते हुए पूजन करें. विनायक चतुर्थी व्रत की कथा सुनें और गणेश जी की आरती करें. गणपति बप्पा के आशीर्वाद से आपके काम सफल होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी. आप मनोकामना पूर्ति मंत्र ओम गं गणपतये नम: का जाप कर सकते हैं. चतुर्थी के दिन पाताल की भद्रा है.
विनायक चतुर्थी के साथ गुरुवार व्रत भी है. इसमें भगवान विष्णु, केले के पौधे और देव गुरु बृहस्पति की पूजा होती है. भगवान विष्णु को पीले फूल, अक्षत्, हल्दी, चंदन, तुलसी के पत्ते, पंचामृत आदि अर्पित करते हैं. उसके बाद विष्णु सहस्रनाम और गुरुवार व्रत कथा का पाठ करते हैं. फिर केले के पौधे की पूजा करते हैं, इसमें श्रीहरि का वास होता है. गुरुवार को हल्दी, चने की दाल, गुड़, पीले कपड़े, पीतल, सोना आदि का दान करना चाहिए. इससे आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होगी. आपके ज्ञान, बुद्धि, यश, कीर्ति आदि में बढ़ोत्तरी होगी. जिनके विवाह में देरी हो रही है, वे लोग गुरुवार व्रत करते हैं तो लाभ होगा. कमजोर गुरु को मजबूत करने के लिए शुभ रत्न पुखराज धारण कर सकते हैं. हिंदू कैलेंडर से जानते हैं चतुर्थी के दिन का शुभ मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, चौघड़िया समय, राहुकाल, दिशाशूल, भद्रा आदि.
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आज का पंचांग, 5 दिसंबर 2024
आज की तिथि- चतुर्थी – 12:49 पी एम तक, उसके बाद पंचमी
आज का नक्षत्र- उत्तराषाढा – 05:26 पी एम तक, फिर श्रवण
आज का करण- विष्टि – 12:49 पी एम तक, बव – 12:31 ए एम, दिसम्बर 06 तक, फिर बालव
आज का योग- वृद्धि – 12:28 पी एम तक, फिर ध्रुव
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- गुरुवार
चंद्र राशि- मकर
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:00 ए एम
सूर्यास्त- 05:24 पी एम
चन्द्रोदय- 10:35 ए एम
चन्द्रास्त- 09:07 पी एम
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त और योग
गणेश पूजा मुहूर्त: 11:09 एएम से 12:49 पीएम तक
रवि योग: 07:00 ए एम से 05:26 पी एम
ब्रह्म मुहूर्त: 05:11 ए एम से 06:05 ए एम
विजय मुहूर्त: 01:56 पी एम से 02:37 पी एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:51 ए एम से 12:33 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 05:21 पी एम से 05:49 पी एम
अमृत काल: 10:59 ए एम से 12:36 पी एम, 06:58 ए एम, दिसम्बर 06 से 08:33 ए एम, दिसम्बर 06
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दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 07:00 ए एम से 08:18 ए एम
चर-सामान्य: 10:54 ए एम से 12:12 पी एम
लाभ-उन्नति: 12:12 पी एम से 01:30 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 01:30 पी एम से 02:48 पी एम
शुभ-उत्तम: 04:06 पी एम से 05:24 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अमृत-सर्वोत्तम: 05:24 पी एम से 07:06 पी एम
चर-सामान्य: 07:06 पी एम से 08:48 पी एम
लाभ-उन्नति: 12:12 ए एम से 01:54 ए एम, दिसम्बर 06
शुभ-उत्तम: 03:36 ए एम से 05:18 ए एम, दिसम्बर 06
अमृत-सर्वोत्तम: 05:18 ए एम से 07:00 ए एम, दिसम्बर 06
अशुभ समय
राहुकाल- 01:30 पी एम से 02:48 पी एम
गुलिक काल- 09:36 ए एम से 10:54 ए एम
यमगण्ड- 07:00 ए एम से 08:18 ए एम
दुर्मुहूर्त- 10:28 ए एम से 11:09 ए एम, 02:37 पी एम से 03:19 पी एम
भद्रा- 07:00 ए एम से 12:49 पी एम
भद्रा का वास- पाताल में
दिशाशूल- दक्षिण
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
क्रीड़ा में – 12:49 पी एम तक, उसके बाद कैलाश पर.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 19:13 IST