आज का पंचांग 31 मई 2024: मई माह के अंतिम दिन शुक्रवार व्रत और लक्ष्मी पूजा का अवसर है. उस दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, शतभिषा नक्षत्र, विष्कम्भ योग, कौलव करण, पश्चिम का दिशाशूल और दिन शुक्रवार है. 09:38 ए एम के बाद से नवमी तिथि लग जाएगी. इस दिन धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. यह पूजा आप प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद करें तो अच्छा रहेगा. सबसे पहले माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित कर दें या पहले से ही पूजा स्थान पर स्थापित हैं तो पूजन करें. उनको लाल गुलाब, कमल के फूल, कमलगट्टा, अक्षत्, कुमकुम, धूप, दीप, गंध, बताशा, खीर आदि अर्पित करते हुए पूजा करें. चाहें तो उनको पीले रंग की कौड़ियां भी चढ़ा सकते हैं. इससे प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आपके धन और वैभव में वृद्धि का आशीर्वाद दे सकती हैं.
जो लोग शुक्रवार का व्रत रखते हैं, वे माता लक्ष्मी की पूजा के बाद शुक्रवार व्रत कथा का पाठ भी करें. इसे आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है. शुक्र ग्रह के मंत्र का जाप और व्रत करने से कुंडली का शुक्र दोष दूर होगा. इसके शुभ प्रभाव जब मिलने लगेंगे तो प्रेम संबंध में सफलता प्राप्त होगी. यश, वैभव, सुख, समृद्धि के साथ लव लाइफ में रोमांस बढ़ेगा. जो लोग ग्लैमर और फैशन की दुनिया से जुड़े हैं, उनके लिए शुक्र का मजबूत होना आवश्यक है. आप शुक्र के शुभ प्रभाव के लिए सफेद कपड़े पहनें और इत्र लगाएं. सफेद रूमाल भी रख सकते हैं. वैदिक पंचांग से जानते हैं मई के अंतिम दिन दिन का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त आदि.
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आज का पंचांग, 31 मई 2024
आज की तिथि- अष्टमी – 09:38 ए एम तक, उसके बाद नवमी
आज का नक्षत्र- शतभिषा – 06:14 ए एम तक, पूर्व भाद्रपद – 04:48 ए एम, 1 जून तक
आज का करण- कौलव – 09:38 ए एम तक, फिर तैतिल – 08:32 पी एम तक, उसके बाद गर
आज का योग- विष्कम्भ – 06:05 पी एम तक, उसके बाद प्रीति
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- कुम्भ – 11:10 पी एम तक, उसके बाद मीन
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 05:24 ए एम
सूर्यास्त- 07:14 पी एम
चन्द्रोदय- 01:35 ए एम, 1 जून
चन्द्रास्त- 12:49 पी एम
अभिजीत मुहूर्त- 11:51 ए एम से 12:47 पी एम
ब्रह्म मुहूर्त- 04:02 ए एम से 04:43 ए एम
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अशुभ समय
राहुकाल- 10:35 ए एम से 12:19 पी एम
गुलिक काल- 07:08 ए एम से 08:51 ए एम
दिशाशूल- पश्चिम
पंचक- पूरे दिन
शिववास
मां गौरी के साथ – 09:38 ए एम तक, उसके बाद सभा में
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 18:16 IST