आज का पंचांग 22 अगस्त 2024: भाद्रपद कृष्ण तृतीया तिथि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र, धृति योग, विष्टि करण, दक्षिण का दिशाशूल, गुरुवार दिन और मीन राशि का चंद्रमा है. तृतीया तिथि 01:46 पी एम तक है, उसके बाद से चतुर्थी तिथि लग जाएगी. ऐसे में कजरी तीज और हेरंब संकष्टी चतुर्थी व्रत एक साथ गुरुवार को है. कजरी तीज के दिन महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती और शिव जी की पूजा करते हैं. कजरी तीज के अवसर पर झूला झूलते हैं, गीत-संगीत का कार्यक्रम होता है. कजरी तीज की कथा सुनती हैं. मान्यताओं के अनुसार, कजरी तीज का व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. इस बार कजरी तीज और हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, वहीं पंचक और भद्रा भी है. राज पंचक शुभ है, वहीं भद्रा का वास पृथ्वी पर है.
हेरंब संकष्टी चतुर्थी को दिन में गणेश जी की पूजा करते हैं और रात के समय में चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देते हैं. अर्घ्य देने के बाद ही चतुर्थी की पूजा पूरी होती है. हेरंब संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए रात तक प्रतीक्षा करनी होगी क्योंकि चंद्रमा देर से निकलता है. हेरंब संकष्टी चतुर्थी के अलावा उस दिन बहुला चतुर्थी भी है. बहुला चौथ के दिन माताएं गाय और उसके बछड़े की पूजा करती हैं. ऐसा करने से संतान सुरक्षित रहती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है. इस दिन गुरुवार का व्रत भी है. व्रत रखकर विष्णु पूजा करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और कुंडली का गुरु दोष भी दूर होता है. आज के पंचांग से जानते हैं कजरी तीज, हेरंब संकष्टी चतुर्थी, बहुला चौथ का मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, भद्रा, शुभ योग, राहुकाल, दिशाशूल आदि.
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आज का पंचांग, 22 अगस्त 2024
आज की तिथि- तृतीया – 01:46 पी एम तक, उसके बाद चतुर्थी
आज का नक्षत्र- उत्तर भाद्रपद – 10:05 पी एम तक, फिर रेवती
आज का करण- विष्टि – 01:46 पी एम तक, उसके बाद बव – 12:10 ए एम, 23 अगस्त तक, फिर बालव
आज का योग- धृति – 01:11 पी एम तक, फिर शूल
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- गुरुवार
चंद्र राशि- मीन
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 05:54 ए एम
सूर्यास्त- 06:53 पी एम
चन्द्रोदय- 08:43 पी एम
चन्द्रास्त- 08:28 ए एम
कजरी तीज 2024 मुहूर्त और योग
ब्रह्म मुहूर्त: 04:26 ए एम से 05:10 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:58 ए एम से 12:50 पी एम
सर्वार्थ सिद्धि योग: 10:05 पी एम से कल सुबह 05:55 ए एम तक
राज पंचक: पूरे दिन
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अशुभ समय
राहुकाल- 02:01 पी एम से 03:38 पी एम
गुलिक काल- 09:09 ए एम से 10:46 ए एम
भद्रा- 05:54 ए एम से 01:46 पी एम
भद्रा का वास- धरती पर
दिशाशूल- दक्षिण
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
क्रीड़ा में – 01:46 पी एम तक, उसके बाद कैलाश पर
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 18:32 IST