आज का पंचांग 17 अगस्त 2024: सावन का अंतिम प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है. उस दिन सावन शुक्ल द्वादशी तिथि, पूर्वाषाढा नक्षत्र, प्रीति योग, बालव करण, पूर्व का दिशाशूल, शनिवार दिन और धनु राशि का चंद्रमा है. त्रयोदशी तिथि सुबह 08:05 ए एम के बाद से है. इस वजह से प्रदोष व्रत शनिवार का है. शनि प्रदोष के दिन व्रत रखकर शाम के समय में भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. प्रदोष की पूजा हमेशा सूर्यास्त के बाद ही करते हैं. शनि प्रदोष व्रत रखने से पुत्र की प्राप्ति होती है. इस वजह से यह व्रत संतानहीन लोगों के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है. वैसे इस व्रत को करने से शिव कृपा प्राप्त होती है, जिससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है. यदि आप शनि प्रदोष व्रत होंगे, तो आपके लिए शिव पूजा का मुहूर्त शाम में 6 बजकर 58 मिनट से है.
शनिवार के दिन व्रत रखकर शनि देव की पूजा करना भी फलदायी होती है. जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव होता है, उनको ज्यादा लाभ होता है. शनिवार के दिन शमी के पेड़ की पूजा करें और शाम को उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इससे भी शनि पीड़ा में लाभ होगा. कुंडली का शनि दोष दूर होगा. शनिवार को काले और नीले कपड़ें, काला तिल, सरसों का तेल, काला कंबल, जूते, चप्पल, शनि चालीसा, लोहे के बर्तन आदि का दान करना शुभ होता है. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं. शनिवार को गरीबों और अस्वस्थ्य लोगों की मदद करने से भी पुण्य लाभ होता है. शनि चालीसा, शनि रक्षा स्तोत्र, शनि मंत्र का जाप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. पंचांग से जानते हैं आज का मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल, अशुभ समय आदि के बारे में.
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आज का पंचांग, 17 अगस्त 2024
आज की तिथि- द्वादशी – 08:05 ए एम तक, उसके बाद त्रयोदशी
आज का नक्षत्र- पूर्वाषाढा – 11:49 ए एम तक, फिर उत्तराषाढा
आज का करण- बालव – 08:05 ए एम तक, कौलव – 07:03 पी एम तक, तैतिल – 05:51 ए एम, 18 अगस्त
आज का योग- प्रीति – 10:48 ए एम तक, फिर आयुष्मान्
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शनिवार
चंद्र राशि- धनु 05:29 पी एम तक, फिर मकर
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 05:51 ए एम
सूर्यास्त- 06:58 पी एम
चन्द्रोदय- 05:26 पी एम
चन्द्रास्त- 03:50 ए एम, 18 अगस्त
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शनि प्रदोष व्रत का मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:25 ए एम से 05:08 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 ए एम से 12:51 पी एम
शिव पूजा का समय: शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 9 बजकर 9 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल- 09:08 ए एम से 10:47 ए एम
गुलिक काल- 05:51 ए एम से 07:30 ए एम
दिशाशूल- पूर्व
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
कैलाश पर – 08:05 ए एम तक, फिर नन्दी पर – 05:51 ए एम, 18 अगस्त, उसके बाद भोजन में
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan Month
FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 19:03 IST