आज का पंचांग 1 अगस्त 2024: गुरुवार को सावन का पहला प्रदोष व्रत है. गुरुवार का दिन होने के कारण यह गुरु प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत के दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि, मृगशिरा नक्षत्र, व्याघात योग, तैतिल करण, दक्षिण का दिशाशूल, गुरुवार दिन और मिथुन राशि में चंद्रमा है. प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को होता है. इस दिन त्रयोदशी तिथि 03:28 पी एम से प्रांरभ होगी. गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. इस व्रत को रखने वाले लोग शाम 7:12 पीएम से भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. इस समय से पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस व्रत की पूजा हमेशा सूर्यास्त के बाद ही करते हैं. पूजा के समय आपको गुरु प्रदोष की व्रत कथा पढ़नी चाहिए. प्रदोष व्रत करने वालों को शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
प्रदोष व्रत के दिन गुरुवार व्रत भी है, इस वजह से इस दिन शिव पूजा के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी शुभ संयोग बना है. इस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में है. पंचामृत, तुलसी के पत्ते, हल्दी, चंदन, अक्षत्, फूल, गुड़, चने की दाल, नैवेद्य, फल आदि से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. उसके बाद केले के पौधे की पूजा करें. देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने से आपकी कुंडली का गुरु दोष दूर होगा. पूजा के बाद हल्दी, पीले वस्त्र, गुड़, घी, पीले फूल आदि का दान करने से भी गुरु ग्रह मजबूत होता है. आज के पंचांग से जानते हैं प्रदोष व्रत का मुहूर्त, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, राहुकाल, दिशाशूल आदि.
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आज का पंचांग, 1 अगस्त 2024
आज की तिथि- द्वादशी – 03:28 पी एम तक, उसके बाद त्रयोदशी
आज का नक्षत्र- मृगशिरा – 10:24 ए एम तक, फिर आर्द्रा
आज का करण- तैतिल – 03:28 पी एम तक, गर – 03:24 ए एम, अगस्त 02 तक, वणिज
आज का योग- व्याघात – 12:50 पी एम तक, फिर हर्षण
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- गुरुवार
चंद्र राशि- मिथुन
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 05:43 ए एम
सूर्यास्त- 07:12 पी एम
चन्द्रोदय- 03:15 ए एम, अगस्त 02
चन्द्रास्त- 05:08 पी एम
आज का मुहूर्त और योग
ब्रह्म मुहूर्त: 04:19 ए एम से 05:01 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 12:00 पी एम से 12:54 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:42 पी एम से 03:36 पी एम
गुरु प्रदोष पूजा मुहूर्त: 7:12 पीएम से 9:18 पीएम तक
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अशुभ समय
राहुकाल- 02:08 पी एम से 03:50 पी एम
गुलिक काल- 09:05 ए एम से 10:46 ए एम
दिशाशूल- दक्षिण
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
नन्दी पर – 03:28 पी एम तक, फिर भोजन में
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan Month
FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 18:39 IST