Sunday, December 15, 2024
HomeReligionMaha Kumbh 2025: सौभाग्यशाली लोगों को दिखाई देती है नागा साधुओं की...

Maha Kumbh 2025: सौभाग्यशाली लोगों को दिखाई देती है नागा साधुओं की शाही बारात, महाकुंभ में होती है आकर्षण का केंद्र

हाइलाइट्स

महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी से हो रहा है.इसका समापन 26 फरवरी को होगा.

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का आरंभ पौष माह की पूर्णिमा यानी की 13 जनवरी से होगा और महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी के दिन इसका समापन हो जाएगा. महाकुंभ हर 12 साल में एक बार लगता है और इसमें देश विदेश के सभी साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिलता है. इतना ही नहीं महाकुंभ में मुख्य आकर्षण का केंद्र नागा साधु होते हैं और बड़े पैमाने पर हिस्सा लेते हैं. लोग नागा साधुओं की शाही बारात देखने के लिए काफी दूर-दूर से आते हैं. यह सिर्फ हिस्सा लेने के लिए नहीं बल्कि नागा साधुओं की शाही बारात का अपना अलग महत्व होता है. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

महाकुंभ के दौरान यूं तो कई पारंपरिक रीतियां अलग-अलग साधु-संतों के अखाड़ों द्वारा निभाई जाती है लेकिन नागा साधुओं की शाही बरात का बहुत खास महत्व होता है. इसे देखने वाले बहुत ही सौभाग्यशाली माने जाते हैं. साथ ही माना जाता है कि जिन्हें नागा साधुओं की शाही बरात देखने का मौका मिलता है उन पर शिव जी की विशेष कृपा होती है.

यह भी पढ़ें – हाथ की इस रेखा के कारण अधूरी रह जाती है प्रेम कहानी, जानें कैसी रहेगी आपकी लव लाइफ

महाकुंभ में नागा साधुओं की शाही बारात देखने से क्या होता है?
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव जब माता पार्वती से विवाह के लिए कैलाश से अपने ससुराल बारात लेकर निकले थे तब यह बारात काफी आलौकिक और भव्य रूप से निकाली गई थी. क्योंकि बारात तो तीनों लोकों के स्वामी शिव शंकर की थी. भगवान शिव की बारात में समस्त ब्रह्मांड और तीनों लोकों में विद्यमान देवी-देवता, सुर-असुर, गंधर्व, यक्ष-यक्षिणी, साधु-संत, तांत्रिक, भूत-प्रेत समत सभी ग्रह भी शामिल थे. लेकिन भगवान शिव जब माता पार्वती के साथ कैलाश लौटे तब वहां मौजूद नागा साधु उन्हें देखकर रोने लगे.

भगवान शिव द्वारा कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि वह सब शिव बारात का हिस्सा न बन सके इसलिए वह बहुत दुखी हैं. लेकिन भोले भंडारी शिव ने नागा साधुओं को समझाते हुए उन्हें वचन दिया कि नागा साधुओं को शाही बारात निकालने का अवसर मिलेगा जिसमें स्वयं महादेव मौजूद रहेंगे.

यह भी पढ़ें – सपने में नया बिजनेस शुरू करना और उसमें सफलता मिलना किस बात का है संकेत? यहां जानें शुभ या अशुभ, क्या कहता है स्वप्न शास्त्र?

इसके बाद समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और पहली बार महाकुंभ का आयोजन हुआ तब भगवान शिव की प्रेरणा से नागा साधुओं ने शाही बारात निकालकर महाकुंभ का आरंभ किया और इस दौरान उन्होंने भव्य शाही बारात निकाली. जिसमें नागा साधुओं ने भस्म, रुद्राक्ष और फूलों से भव्य श्रृंगार किया था. तभी से यह मान्यता है कि जब भी महाकुंभ होगा नागा साधुओं द्वारा शाही बारात निकाली जाती है और जिस व्यक्ति को शाही बारात देखने का मौका मिलता है मानों कि उस पर भगवान शिव की साक्षात कृपा बनी हुई है.

Tags: Dharma Aastha, Maha Kumbh Mela, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular