Friday, December 13, 2024
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कब है शुक्र प्रदोष व्रत? शिव पूजा के लिए मिलेगा 2.14 घंटे का शुभ समय, देखें मुहूर्त, योग

इस बार शुक्र प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. इस दिन शिव पूजा करने के लिए भक्तों को 2 घंटे 14 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. व्रत रखकर शाम के समय में शिव जी की पूजा करते हैं. शिव कृपा से सभी प्रकार के कष्ट मिटते हैं और दोष दूर होते हैं. धन, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि शुक्र प्रदोष व्रत कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त और योग क्या हैं?

शुक्र प्रदोष व्रत की तारीख 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर को रात 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन 13 दिसंबर को शाम 7 बजकर 40 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार शुक्र प्रदोष व्रत 13 दिसंबर को रखा जाएगा.

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शुक्र प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 40 मिनट तक है. उस दिन शिव पूजा के लिए आपको करीब सवा दो घंटे का समय प्राप्त होगा.

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात:काल 5 बजकर 16 मिनट से सुबह 6 बजकर 11 मिनट तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक है.

3 शुभ योग में है शुक्र प्रदोष व्रत
इस बार शुक्र प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. प्रदोष व्रत के दिन शिव योग, सिद्ध योग और रवि योग बन रहे हैं. रवि योग सुबह में 7 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ होगा, जो अगले दिन 14 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं क्योंकि इसमें सूर्य का प्रभाव अधिक होता है.

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प्रदोष वाले दिन शिव योग प्रात:काल से लेकर दिन में 11 बजकर 54 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्ध योग बनेगा, जो पूर्ण रात्रि तक है. प्रदोष व्रत पर भरणी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 7 बजकर 50 मिनट तक है. उसके बाद से कृत्तिका नक्षत्र है, जो 14 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक है.

शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व
जो प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन होता है, उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य, सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा सूर्यास्त के बाद करते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva


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